नवरात्रि के दौरान कलश स्थापना शुभ और अमृत के चौघड़िए में उत्तम मानी जाती है. कलश स्थापना का शुभ समय सुबह 9:18 से दोपहर 12:15 तक रहेगा. इस दौरान कलश स्थापित करके देवी मां की कृपा बहुत आसानी से पाई जा सकती है. कलश स्थापित करने के लिए घर के पवित्र स्थल पर स्वच्छ मिट्टी से वेदी बनाएं. वेदी में जौ बोयें और थोड़ा जल अर्पण करें. कलश पर कलावा बांधकर उसमे जल भरे उस पर आम के 11 पत्ते लगाएं उस पर नारियल रखकर कलश स्थापित करें. कलश पर रोली से स्वस्तिक बनाएं और धूप दीप से पूजन करे

कैसे सजाएं मां की चौकी?
मां दुर्गा की तस्वीर या मूर्ति/माता के स्थापना के लिए लकड़ी की चौकी, सवा मीटर लाल या पीला कपड़ा/लाल चुनरी या साड़ी/कलश/आम के पत्ते/फूल माला र लाल फूल /एक जटा वाला नारियल/पान के पत्ते /सुपारी/इलायची/लौंग/कपूर/रोली-सिंदूर/मौली/चावल/दुर्गा सप्तशती की पुस्तक का इंतजाम कर लें.
देवी मां को अर्पण करने की सामग्री
लाल चुनरी/चूड़ी/बिछिया/इत्र/सिंदूर/महावर/ लाल बिन्दी/शुद्धमेहंदी/काजल/चोटी/ माला या मंगल सूत्र/पायल/कान की बाली आदि सामग्री अर्पण करके माता की कृपा मिलती हैं
अखण्ड ज्योत कैसे करें प्रज्वलित?
पीतल या मिट्टी का साफ दीपक
शुद्ध देसी घी
रुई या कलावे की बाती
दीपक पर लगाने के लिए रोली या सिंदूर
घी में डालने और दीपक के नीचे रखने के लिए सफेद साबुत चावल रखें
फिर शुभ समय में ही ज्योत प्रज्वलित करें
पूजा के दौरान रखें ध्यान
माता की तस्वीर में बया मूर्ति में शेर शांत मुद्रा में हो तो ज्यादा शुभ होता है
घर मे अखंड ज्योत जलाने के बाद घर खाली न छोड़ें
देवी माँ की तस्वीर के बायीं ओर दीपक रखें
मूर्ति या तस्वीर के दायीं ओर जौ बोयें
लाल या पीले आसन पर बैठकर ही पूजा करें तो ज्यादा शुभ होगा
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