मुस्लिमों की खाप पंचायत को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने वाली तीन तलाक पीड़िता ने अपने मां-बाप के खिलाफ नौचंदी थाने में मुकदमा दर्ज कराया है। आरोप है कि जिस पंचायत में उसे षड़यंत्र कर तलाक दिया गया, उसमें उसके मां-बाप ने मामला रफा-दफा करने के नाम पर ससुराल वालों से 21 लाख रुपये वसूले थे। मुकदमे में पंचायत में मौजूद अज्ञात लोगों को भी आरोपी बनाया गया है।
नौचंदी क्षेत्र के ढबाईनगर निवासी आयशा का निकाह 9 मार्च 2014 को यहीं के रहने वाले सरफराज से हुआ था। 17 जून को पंचायत बुलाकर आयशा को तीन तलाक दिया गया। 31 अगस्त को आयशा ने सरफराज के खिलाफ तीन तलाक का मुकदमा दर्ज कराया। चार सितंबर को सरफराज ने गुपचुप तरीके से मोदीनगर में दूसरा निकाह कर लिया।
मुस्लिमों की खाप पंचायत के खिलाफ आयशा ने अपनी अधिवक्ता फरहा फैज के जरिये सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। सुप्रीम कोर्ट ने याची को पहले हाईकोर्ट में जाने का आदेश दिया था। सरफराज इस प्रकरण में अभी फरार चल रहा है।
आयशा का कहना है कि तलाक के दस्तावेजों में तीन अलग-अलग तारीखों में तलाक देने का जिक्र है, जबकि उसे 17 जून को हुई पंचायत में एक बार में ही पति ने तीन बार तलाक दिया।
आयशा के मुताबिक, उसके मां-बाप और पंचायत में मौजूद लोगों ने ससुरालवालों से ब्लैकमेल कर 21 लाख रुपये ले लिए। उन्हें झांसा दिया गया कि अब मामला यहीं खत्म हो जाएगा। आयशा का कहना है कि वह ससुराल जाना चाहती थी, लेकिन मां-बाप की मिलीभगत होने से भी वह अपने पति से अलग हो गई।
आयशा ने शुक्रवार को इस मामले में अपने पिता आफताब अंसारी, मां नाजिमा और पंचायत में मौजूद मोहल्ले के जिम्मेदार लोगों के खिलाफ आईपीसी की धारा 420, 467, 468, 471, 323, 506, 307 और 511 के तहत मुकदमा दर्ज कराया है।
मुकदमे में मां-बाप पर तलाक के कूटचरित दस्तावेज तैयार करने, उन पर जबरन हस्ताक्षर कराने, 21 लाख रुपये वसूलने का आरोप है। इंस्पेक्टर तपेश्वर सागर ने बताया कि मुकदमा दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी गई है।