उन्नाव दुष्कर्म पीड़िता को दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) से डिस्चार्ज कर दिया गया है। कोर्ट ने अभी पीड़िता के परिवार को दिल्ली में ही रहने के निर्देश दिए हैं। उन्नाव दुष्कर्म पीड़िता 28 जुलाई रायबरेली जाते वक्त सड़क दुर्घटना में गंभीर रूप से जख्मी हो गई थी। दुर्घटना के समय गाड़ी में पीड़िता के साथ उनका वकील और परिवार के दो लोग भी मौजूद थे।
उन्नाव दुष्कर्म पीड़िता को मंगलवार रात एम्स से डिस्चार्ज किया गया। एम्स के बाद पीड़िता के परिवार को तीस हजारी कोर्ट ने दिल्ली में ही रुकने के निर्देश दिए हैं। ऐसे में पीड़िता अपने परिवार के साथ अगले एक हफ्ते तक एम्स के जय प्रकाश नारायण ट्रॉमा सेंटर के हॉस्टल में रहेगी। इस दाैरान पीड़िता के साथ उसकी मां, दो बहनें और एक भाई भी रहेंगे।
पीड़िता के परिवारीजन ने कोर्ट से गुहार लगाई थी कि उनकी जान को उन्नाव में खतरा है। इसलिए सुरक्षा के लिहाज से उन्हें दिल्ली में रहने की व्यवस्था की जाए। इसके बाद कोर्ट ने गवाह सुरक्षा दिशा-निर्देशों के तहत दिल्ली में ही रहने के निर्देश दिए। अब इस मामले की अगली सुनवाई 28 सितंबर को होगी।
पांचों मुकदमों की दिल्ली में चल रही सुनवाई
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले के सभी पांचों मुकदमों को उत्तर प्रदेश से बाहर दिल्ली ट्रांसफर कर दिया था। कोर्ट ने इस मामले की रोजाना सुनवाई के आदेश भी दिए थे। सुप्रीम कोर्ट की ओर से अप्वाइंट जज इन सभी पांच केसों की सुनवाई करेंगे। ट्रायल 45 दिन के अंदर पूरा करना होगा।
चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया रंजन गोगोई ने कहा है कि हम पीड़िता के लिए अंतरिम मदद की अपील भी स्वीकार करते हैं। साथ ही उत्तर प्रदेश सरकार को आदेश दिया कि वह पीड़िता के परिवार को अंतरिम मदद के तौर पर 25 लाख रुपये की सहायता राशि दे। बाद में जरूरत के हिसाब से आर्थिक मदद की राशि बढ़ाई जा सकती है।
रायबरेली में हुई थी दुर्घटना
उन्नाव दुष्कर्म पीड़िता की कार 28 जुलाई को उत्तर प्रदेश के रायबरेली में सड़क दुर्घटना का शिकार हो गई थी। कार में सवार उसकी चाची और मौसी की इस हादसे में मौके पर ही मौत हो गई, जबकि पीड़िता और उसके वकील गंभीर रूप से घायल हो गए। पीड़िता और वकील का कुछ समय तक लखनऊ के किंज जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय में इलाज चला था, जिसके बाद उन्हें 5 अगस्त दिल्ली एम्स लाया गया। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर पीड़िता के परिवार को सीआरपीएफ सुरक्षा दी गई है।
इस बीच मामले के तूल पकड़ने के बाद दुष्कर्म के आरोपित भाजपा विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को पार्टी ने निष्कासित कर दिया। आरोप है कि सेंगर ने 2017 में पीड़िता के साथ दुष्कर्म किया, जिस वक्त वह नाबालिग थी। अदालत ने सेंगर के साथ-साथ शशि सिंह को भी इस मामले में सह-आरोपी बनाया है।
5 सितंबर को सीबीआइ ने एम्स में ही पीड़िता का बयान दर्ज किया था। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस दौरान पीड़िता ने कहा था, ‘कुलदीप सेंगर ने ही एक्सीडेंट में मुझे मारने की साजिश रची थी।’ पीड़िता ने यह भी बताया था कि विधायक सेंगर का गुर्गे अक्सर जान से मारने की धमकी देता था। इसके बाद11 सितंबर को जज ने दिल्ली एम्स में भर्ती उन्नाव दुष्कर्म मामले की पीड़िता के बयान दर्ज किये थे। एम्स के जेपी एपेक्स ट्रॉमा सेंटर में अस्थायी कोर्ट बनाया गया था।
कुलदीप सिंह सेंगर पर आरोप तय
उन्नाव रेप केस मामले में पीड़िता के पिता को झूठे आर्म्स केस में फंसाने और पुलिस हिरासत में उनकी मौत के मामले में भाजपा विधायक कुलदीप सिंह सेंगर समेत अन्य के खिलाफ तीस हजारी कोर्ट ने आरोप तय कर दिए हैं। कोर्ट ने हाल ही में सुनवाई करते हुए प्रथमदृष्टया पाया कि मामले में बड़ी साजिश रची गई है।
कोर्ट के मुताबिक पुलिस मौके पर पहुंची थी, लेकिन उसने कोई हस्तक्षेप नहीं किया। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के मुताबिक भी पीड़िता के पिता के शरीर पर 14 गंभीर चोट के निशान पाए गए थे।