एक तरफ आरटीओ दफ्तर में ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने, टैक्स जमा कराने और पूरे शहर में वाहन प्रदूषण जांच के लिए कतारें लग रहीं और दूसरी तरफ सर्वर दगा दे जा रहा।
इस माह में शनिवार को दूसरी बार विभाग का सर्वर फेल हो गया और लोग तीन घंटे तक कतार में खाली खड़े रहे। सुबह कार्यालय खुलते ही सर्वर की दगा से काम ठप पड़ गया। जिससे टैक्स, परमिट, फिटनेस और लाइसेंस के लिए आए सैकड़ों लोग उमस में पूरा दिन इधर से उधर भटकते रहे।
आरटीओ में ऑनलाइन व्यवस्था में आए दिन दिक्कतें आ रहीं। अगस्त-15 में यहां व्यवस्थाएं ऑनलाइन होने के बाद से अब तक करीब पांच दर्जन मर्तबा सर्वर ठप रहा चुका है। जुलाई में भी सर्वर की खराबी ने एक दिन आरटीओ में काम ठप रखा था। इस बार शनिवार को सर्वर की खराबी पूरा दिन जनता के लिए मुसीबत बन गई।
काम नहीं हुआ और लोग भटकते रहे। ड्राइविंग लाइसेंस के लिए कतार लंबी होती रही और लोग चिलचिलाते रहे। यही हालात शहर में प्रदूषण जांच केंद्रों पर भी रही। सर्वर फेल होने से यहां भी काम ठप हो गया।
सुबह से लगी कतार दोपहर तक बढ़ती चली गई और लोग परिवहन विभाग और सरकार को खरीखोटी सुनाते रहे। काम न होने से कुछ लोग घर लौट गए और कुछ लोग शाम तक सर्वर चलने का इंतजार करते रहे। विभागीय अधिकारी यह दावा कर रहे कि सर्वर बीच-बीच में काम करता रहा, लेकिन लोगों की मानें तो दोपहर तक सर्वर ने ठीक से काम नहीं किया। इस वजह से टैक्स और फीस जमा नहीं हो पाई और लोग परेशान रहे।
इस समय आरटीओ में दो सॉफ्टवेयर वाहन और सारथी पर काम चलता है। दोनों में डाटा पूरी तरह ओवरलोड रहता है। तकनीकी विशेषज्ञों की सलाह के बाद विभाग ने इंटरनेट की अलग दो लाइनें कर दीं, लेकिन तब भी सर्वर ठप होने के मामले नहीं थम रहे। एआरटीओ प्रशासन अरविंद पांडे ने बताया कि सुबह तकनीकी खराबी के चलते सर्वर ठप था पर दोपहर में चालू हो गया था।
नए एक्ट के कारण भारी भीड़
नए मोटर वाहन अधिनियम के लागू होने के बाद इन दिनों आरटीओ में व्यवसायिक वाहनों के लंबित टैक्स से लेकर फिटनेस और पुन: पंजीकरण समेत ड्राइविंग लाइसेंस को लेकर लोगों की भारी भीड़ जुट रही है। ऐसे में शनिवार को भी काफी भीड़ आरटीओ में टैक्स जमा के लिए पहुंची थी।
सुबह से ये लोग सर्वर के चालू होने का इंतजार करते रहे। दोपहर में सर्वर चालू तो हुआ लेकिन रुक-रुक कर चला, जिससे फीस जमा न हो सकी। कुछ लोग ऐसे भी थे, जिनकी फीस शनिवार को जमा नहीं हुई तो उन पर पेनाल्टी लगनी थी। ऐसे लोग इधर से उधर दौड़भाग करते रहे, ताकि जैसे भी फीस जमा हो जाए मगर उनकी उम्मीदों पर भी पानी फिर गया।
वीआइपी कोटे में बनेंगे डीएल
सर्वर खराब होने की वजह से जिनके ड्राइविंग लाइसेंस नहीं बन पाए, अब वह लाइसेंस वीआइपी कोटे में बनाए जाएंगे। आरटीओ ने बताया कि आनलाइन सेवा में रोजाना 245 लोगों के लाइसेंस बनाए जा सकते हैं जबकि वीआइपी कोटे में 50 की संख्या अलग से निर्धारित है।
जिन लोगों के लाइसेंस शनिवार को नहीं बन सके, उनके लाइसेंस सोमवार को वीआइपी कोटे में बन सकेंगे। उन्हें दोबारा से आवेदन या दोबारा फीस नहीं देनी पड़ेगी।