आजकल दाढ़ी बड़ी फैशन में है। शेविंग के चक्कर से बचने के लिए लड़के स्टाइलिश दाढ़ी रखना पसंद कर रहे हैं। आजकल फैशन के अनुसार रखी जाती है, परंतु इससे व्यक्ति के आंतरिक गुणों का पता किया जा सकता है। यहां दाढ़ी-मूंछ रखने के प्रकार तथा संबंधित गुणों के बारे में बताया जा रहा है।

1. लंबी दाढ़ी- इसमें गाल व ठोड़ी पर पूर्णत: केश होते हैं। यह लंबी, घनी तथा नीचे की ओर नुकीली होती है। ऐसे व्यक्तियों में दृढ़ विश्वास, सहनशील, गंभीरता, संयम, अध्ययन, मनन, चिंतन व सात्विक गुण होते हैं। यदि यह दाढ़ी अस्त-व्यस्त, बिखरी हुई हो तो व्यक्ति कट्टरपंथी, रूढ़ी, अंधविश्वासी होते हैं अथवा दार्शनिक या विचारक भी हो सकते हैं।
2. समान भागों में विभाजित दाढ़ी- उपरोक्त लंबी दाढ़ी यदि नीचे की ओर दो समान भागों में विभाजित रहती है तो ऐसे व्यक्ति के मन एवं मस्तिष्क के विचारों के मध्य द्वंद्व चलता रहता है। वे कभी शांत तथा गंभीर तो कभी चंचल तथा अस्थिर होते हैं।
3. असमान दाढ़ी- यदि दाढ़ी असमान रूप से उगी हो अर्थात गाल एवं ठोढ़ी पर केश हों, हनु पर नहीं अथवा हनु व ठोड़ी पर केश हो, गाल पर नहीं तो वह असमान दाढ़ी कहलाती है। ऐसे व्यक्ति चंचल, उच्छृंखल, अविश्वस्त, धूर्त और कूटनीतिज्ञ होते हैं। इनका स्वभाव सबसे अलग होता है।
4. छोटी दाढ़ी- यदि दाढ़ी केवल ठोढ़ी पर ही प्राकृतिक रूप से उगी हो तो वह छोटी दाढ़ी कहलाती है। देखने में यह बकरे की दाढ़ी की जैसी लगती है। ऐसे व्यक्ति गुप्त विधाओं के प्रति एक अद्भुत झुकाव रखते हैं। ये जादू-टोना, तंत्र, भूत-प्रेत आदि रहस्यात्मक शास्त्रों के ज्ञाता हो सकते हैं।
5. आधुनिक दाढ़ी- इस प्रकार की दाढ़ी में फ्रेंच, रूसी आदि शैलियां आती हैं। ऐसे व्यक्ति नेता, चित्रकार, कवि, पत्रकार या अभिनेता हो सकते हैं।
मूंछें की व्यक्ति के स्वभाव का प्रतिबिंब होती हैं।
1. राजसी मूंछें- नोकदार, लंबी, ऊपर की ओर उठी हुई मूंछें राजसी कहलाती हैं। उसे दरबारी मूंछ भी कहते हैं। ऐसे व्यक्ति साहसी, वीर तथा निडर होते हैं। वे क्रोध में आक्रामक होने में भी देर नहीं करते। उदाहरण हेतु चंद्रशेखर आजाद और पंजाब के पूर्व पुलिस महानिदेशक केपीएस गिल।
2. झुकी हुईं मूंछें- ये दोनों किनारों से नीचे की ओर झुकी हुई रहती हैं। ऐसे व्यक्तियों में विवेक, अवसरवादिता, सहनशीलता के साथ भीरूता भी रहती है। उदाहरण- मुख्य चुनाव आयुक्त केपएस गिल।
3. राजपूती मूंछें- प्राय: इसे तलवार कट मूंछें भी कहते हैं। ऐसे व्यक्ति बाह्य दिखावा, परंतु भीतरी खोखलेपन वाले और अपनी संस्कृति से मोह रखने वाले होते हैं। उदाहरण- पूर्व प्रथानमंत्री वीपी सिंह।
4. तितली मूंछें- नाक के ठीक नीचे व ऊपरी होंठ के मध्य में केशों का गुच्छा होता है, जो दूर से तितली जैसा लगता ह। ऐसे व्यक्ति में बुद्धि वाक् चातुर्य, सूझ-बूझ व समृद्धि होती है। इसके साथ ही भीरूता और चापलूसी के गुण भी होते हैं।
5. कटी मूंछें- इसमें मूंछों के केश करीने से कटे रहते हैं। ये आदर्श, सिद्धांत, त्याग व साहित्य प्रेम को दर्शाते हैं। जो व्यक्ति दाढ़ी-मूंछ नहीं रखते तथा नियमित रूप से शेव करते हैं, वे समय के पाबंद, मुंहफट व दिखावा पसंद होते हैं। दाढ़ी रखने वालों में क्लीन शेव वालों की अपेक्षा सहनशीलता भी अधिक होती है।
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