पाकिस्तान, जो इन दिनों संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार आयोग(UNGC) में कश्मीर मुद्दे को लेकर रोज नए बयान दे रहा है, उसी पाकिस्तान में कश्मीर के ही मुद्दे पर वो अपने ही लोगों के निशाने पर आ गया है।
पाकिस्तान सरकार में गृह मंत्री ब्रिगेडियर एजाज अहमद शाह ने इमरान खान को कश्मीर मुद्दे पर फेल बताया है। एजाज अहमद शाह ने कहा है कि इमरान खान की वजह से पूरे पाकिस्तान को कश्मीर मुद्दे पर शर्मिंदा होना पड़ा है। एजाज अहमद शाह ने प्रधानमंत्री इमरान खान और उनके मंत्रियों को इसके लिए कसूरवार ठहराया है। उन्होंने साथ ही कहा कि पाकिस्तान, कश्मीर मुद्दे पर अंतरराष्ट्रीय समुदाय से समर्थन पाने में नाकाम रहा है।
उन्होंने बुधवार को एक पाकिस्तानी न्यूज चैनल पर बात करते हुए कहा, ‘लोग हम पर भरोसा नहीं करते, अंतरराष्ट्रीय समुदाय हमपर विश्वास नहीं करते हैं। हम कहते हैं कि वे (भारत) कर्फ्यू लगा रहे हैं और जम्मू-कश्मीर के लोगों को दवाएं नहीं दे रहे हैं।
लोग हम पर विश्वास नहीं करते हैं, बल्कि वे उन्हें मानते हैं। पाकिस्तान की सत्तारूढ़ पार्टी ने देश को बर्बाद कर दिया है। उसने इस देश के नाम को खराब किया है। पूरी दुनिया में लोगों को ये लगने लगा है कि हम एक गंभीर राष्ट्र नहीं हैं।’
यह पूछे जाने पर कि क्या इमरान खान, बेनजीर भुट्टो, परवेज मुशर्रफ और अन्य सभी जो पाकिस्तान में सत्तारूढ़ दलों का हिस्सा रहे हैं, उन सबकी कितनी जिम्मेदारी है, इस सवाल पर पूर्व पाकिस्तानी जासूस ने कहा, ‘हर कोई जिम्मेदार है।पाकिस्तान को अब एक आत्मा की खोज करनी चाहिए।’
भारत ने दिया PAK को मुंहतोड़ जवाब
एजाज अहमद का यह बयान ऐसे समय में आया है जब पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी के जेनेवा में एक UNHRC सत्र के दौरान यह दावा किया कि भारत ने आर्टिकल 370 के निरस्त होने के बाद जम्मू और कश्मीर को इस दुनिया की सबसे बड़ी बंदी जेल में तब्दील कर दिया है वहां मानवाधिकारों को कुचला जा रहा है।
भारत ने कुरैशी के इन आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा है कि पाकिस्तान, जम्मू-कश्मीर पर एक मनगढ़ंत कहानी बना रहा है। जो खुद आतंकियों का पनाहगाह कहलाता है। एक ऐसा देश जो कूटनीति के नाम पर सीमापार से आतंकवाद को बढ़ावा देता है।
पाकिस्तान हर मोर्चे पर रहा नाकाम
कश्मीर मुद्दे को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उठाने की पाकिस्तान की बेताबी साफ देखी जा सकती है, लेकिन जब दुनियाभर के देशों से पाकिस्तान को समर्थन नहीं मिला तो इससे पाकिस्तान का चेहरा लाल हो गया है।
भारत के इस फैसले को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कई देशों ने उसका आंतरिक मामला बताया और इसका समर्थन भी किया। दूसरी तरफ, पाकिस्तान ने इस मुद्दे के अंतरराष्ट्रीयकरण करने की कोशिशों में खुद को अलग-थलग पाया, चीन के अलावा कोई भी देश पाकिस्तान के समर्थन में आगे नहीं आया।
पाकिस्तान ने अबू धाबी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान, सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान, फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों और जॉर्डन के किंग अब्दुल्ला द्वितीय सहित विभिन्न विश्व नेताओं से इस मुद्दे पर उनके हस्तक्षेप के लिए कहा, लेकिन कोई भी देश उसके समर्थन में आगे नहीं आया।
पाकिस्तान से कहा गया है कि वह भारत के साथ द्विपक्षीय संबंधों को बेहतर बनाए। भारत ने बार-बार स्पष्ट किया है कि पाकिस्तान के साथ बातचीत केवल तभी संभव है जब वह आतंकवाद को अपने देश में बढ़ावा देना बंद करे।