
केरल से आने वाले एक नौजवान आईएएस अधिकारी ने अपनी नौकरी से इस्तीफा दे दिया है। वह 2012 बैच के अछिकारी हैं। फिलहाल वह केंद्र शासित प्रदेश दादरा और नगर हवेली में तैनात थे। इस इस्तीफे का कारण उन्होंने अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को बताया। 2012 सिविल सेवा परीक्षा में 59वीं रैंक पाने वाले इस नौजवान अधिकारी ने कहा कि वह सिविल सेवा में इस उम्मीद से शामिल हुए थे कि वह उन लोगों की आवाज बन सकेंगे जिन्हें खामोश कर दिया गया लेकिन यहां, वह खुद की आवाज गंवा बैठे।
उन्होंने कहा कि वह अपनी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता वापस चाहते हैं। वह अपनी तरह से जीना चाहते हैं, भले ही वह एक दिन के लिए ही हो। कन्नन इन दिनों पावर एंड नॉन कन्वेंशनल ऑफ एनर्जी में सचिव पद पर कार्यरत थे। आईएएस बनने से पहले उन्होंने बिरला इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से इलेक्ट्रिक इंजीनियरिंग की और फिर बाद में एक निजी कंपनी में डिजाइन इंजीनियर के पद पर कार्य किया।
एक स्थानीय मलयालम वेबसाइट को दिए साक्षात्कार में उन्होंने बताया कि जब दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र में से एक देश पूरे राज्य पर प्रतिबंधों का एलान कर दे और यहां तक लोगों के मूलभूत अधिकारों का भी उल्लंघन करें तो ऐसे में कम से उन्हें जवाब देने में समक्ष होना चाहिए कि वह अपनी नौकरी छोड़ रहे हैं। बता दें कि कन्नन साल 2018 में केरल में आई भीषण बाढ़ के दौरान सुर्खियों में आए थे।
उन्होंने अपने कंधे पर राहत सामग्री रखकर लोगों तक पहुंचाई थी। उनके इस काम की देशभर में सराहना हुई थी। इसके अलावा लोकसभा चुनाव के दौरान उन्होंने केंद्रीय चुनाव आयोग से मौजूदा केंद्र शासित प्रदेश के बड़े अधिकारियों की शिकायत की थी उन्हें प्रभावित करने का प्रयास किया जा रहा है।
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