हाल ही में हरियाणा की एक बेटी मानुषी छिल्लर ने मिस वर्ल्ड का खिताब जीतकर जहाँ देश का गौरव बढ़ाया, तो सोशल मीडिया से लेकर हरियाणा के छोटे-छोटे गाँवों में जश्न का माहौल बन गया, लेकिन उनकी जीत के एक दूसरे पहलू को देखें तो इस बात को भी झठलाया नहीं जा सकता कि मानुषी भारत के जिस राज्य से आती हैं, वहां कन्या भ्रूण हत्या के मामले देश के दूसरे राज्यों से सबसे ज्यादा है.
देश में सरकार और अन्य गैरसरकारी सस्थानों की लाख कोशिशों के बाद भी महिलाओं के हित के कई गंभीर मुद्दे आज भी देश में अपनी जड़ मजबूत किये हुए है. लाख सरकारी प्रयासों के बावजूद भी भ्रूण हत्या से जुड़े मामले आज भी थमे नहीं हैं, लेकिन मध्यप्रदेश में मौजूद एक क़स्बा शिवपुरी पर गौर किया जाए तो वो इस मामले में दो कदम आगे निकल चुका है.जी हाँ यहां आपको 10 रूपए से लेकर 100 रूपए के सरकारी स्टैंप पेपर पर लड़कियां बिकती मिल जायेंगी. सदियों पुरानी इस कुप्रथा को “धड़ीचा प्रथा” के नाम से राज्य में जाना जाता है और इस प्रथा की आड़ में हाजारों औरतों को ख़रीदा और बेचा जाता है.
यहाँ स्टैम्प पेपर के साथ बदलते है पति
दलाल पहले ग्राहक से सौदा तय करता है फिर सौदा तय होने के बाद 10 रुपए से लेकर 100 रुपए तक के क़ानूनी स्टैम्प पेपर पर पुरुष और स्त्री के बीच एक कॉन्ट्रैक्ट किया जाता है और इस कॉन्ट्रैक्ट के खत्म होने के बाद वो स्त्री किसी दूसरे मर्द के पास चली जाती है. इस प्रथा में ये भी देखा जाता है कि अगर किसी औरत के लिए कोई मर्द ज़्यादा रकम चुकाता है, तो औरत को उस पुरुष के साथ लंबे समय तक रहना पड़ता है लेकिन वहीं अगर सौदे की राशि कम हो तो स्त्री जल्द ही उस संबंध से आज़ाद होकर किसी दूसरे पुरुष के पास जा सकती है. इस प्रथा के चलते यहाँ बिकी लड़कियों के पति स्टैम्प पेपर के साथ ही ताउम्र बदलते जाते हैं.
इस राज्य में सदियों पुरानी कुरीतियों और रूढ़ीवादी मानसिकता से परे हमेशा से ही नारी सशक्तिकरण का नारा बुलंद किया जाता रहा है लेकिन स्त्रियों के साथ कुप्रथा के नाम पर अगर ये सब आज भी हो रहा है तो जहाँ देश एक कदम आगे बढ़ता है तो वहीं दो कदम पीछे भी चला जाता है.