केंद्र सरकार का राजकोषीय घाटा जून तिमाही में 4.32 लाख करोड़ रुपये चला गया है। यह राजकोषीय घाटा वित्त वर्ष 2019-20 के बजटीय अनुमान का 61.4 फीसदी है। महालेखा नियंत्रक द्वारा जारी आंकडो़ं के मुताबिक, राजकोषीय घाटा जून के आखिर में 4.32 लाख करोड़ रुपये था। वहीं, साल 2018-19 में इसी अवधि के दौरान राजकोषीय घाटा पूरे वर्ष के बजट अनुमान के 68.7 फीसद के बराबर रहा था।

राजकोषीय घाटा सरकार के राजस्व व व्यय के अंतर को दिखाता है। न्यूज एजेंसी पीटीआइ की खबर के अनुसार, केंद्र सरकार ने बजट में चालू वित्त वर्ष में राजकोषीय घाटा जीडीपी का 3.4 फीसदी रहने का अनुमान बताया था। केंद्र सरकार का अनुमान है कि 2019-20 में राजकोषीय घाटा 7.03 लाख रुपये रह सकता है। सरकार का यह अनुमान पिछले वित्त वर्ष के बराबर ही है।
महालेखा नियंत्रक के आंकड़े के अनुसार सरकार की 2019-20 की अप्रैल-जून तिमाही में राजस्व प्राप्ति बजट अनुमान का 14.4 फीसदी रही है। यह एक साल पहले इसी अवधि में वार्षिक अनुमान के 15.5 फीसद के बराबर थी। निरपेक्ष रूप से राजस्व प्राप्ति जून 2019 को समाप्त हुई तिमाही में 2.84 लाख करोड़ रुपये रही। वहीं, बजट में चालू वित्त वर्ष 2019-20 में राजस्व प्राप्ति 19.77 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान लगाया गया है।
महालेखा नियंत्रक के अनुसार चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में इस बार पूंजी व्यय बजटीय अनुमान का 18.8 फीसदी रहा है। यह एक साल पहले इसी दौरान बजटीय अनुमान का 29 फीसदी था। अप्रैल-जून के दौरान सरकार का कुल व्यय 7.21 लाख करोड़ रुपये रहा है, जो कि बजटीय अनुमान का 25.9 फीसदी है। चालू वित्त वर्ष 2019-20 में सरकार का कुल व्यय 27.84 करोड़ रुपये रहने का अनुमान लगाया गया है।
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