इन्फ्रास्ट्रक्चर लीजिंग एंड फाइनेंशियल सर्विसेज (आइएलएंडएफएस) की एक शाखा आइएलएंडएफएस ट्रांसपोर्टेशन नेटवर्क्स एक कर्ज के ब्याज पर डिफॉल्टर हो गई है। कंपनी गैर-परिवर्तनीय डिबेंचर्स (एनसीडी) के माध्यम से जुटाई गई दो रकम पर ब्याज भुगतान में विफल रही। इन एनसीडी की परिपक्वता अवधि 21 जुलाई को खत्म हो गई, लेकिन कंपनी ब्याज का भुगतान नहीं कर पाई। इनमें ब्याज की एक रकम 14.62 करोड़ रुपये और दूसरी रकम 11.40 करोड़ रुपये थी।
इस बीच, IL&FS को उसकी सात पवन ऊर्जा कंपनियों में शेष 51 फीसद हिस्सेदारी जापान की ओरिक्स कॉरपोरेशन के हाथों बेचने की मंजूरी मिल गई है। एनक्लैट द्वारा नियुक्त जस्टिस (सेवानिवृत्त) डीके जैन ने कंपनी को यह अनुमोदन दे दिया। जैन को आइएलएंडएफएस ग्रुप और उसकी कंपनियों की समाधान प्रक्रिया के पर्यवेक्षण के लिए नियुक्त किया गया है। आइएलएंडएफएस विंड एनर्जी लिमिटेड (आइडब्ल्यूईएल) के नियंत्रण वाली इन कंपनियों में ओरिक्स कॉरपोरेशन की इस वक्त 49 फीसद हिस्सेदारी है। आइएलएंडएफएस का निदेशक बोर्ड इन बिक्री प्रस्तावों को पहले ही मंजूर कर चुका है।