निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को कहा कि बजट में निवेश बढ़ाने की पूरी योजना के साथ विकास की बड़ी तस्वीर पेश की गई है। उन्होंने कहा कि इसके लिए राजकोषीय मजबूती के लक्ष्यों से कोई समझौता नहीं किया गया है। राज्यसभा में केंद्रीय बजट 2019-20 पर चर्चा के बाद जवाब देते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि इस बजट में अगले 10 वर्षों के लिए व्यापक कदम उठाए गए हैं।
सीतारमण ने कहा कि सरकार का मध्यावधि लक्ष्य भारत को 5 ट्रिलियन डॉलर (5,000 अरब डॉलर) की अर्थव्यवस्था बनाना है। वित्त मंत्री ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था को 5 ट्रिलियन डॉलर के क्लब में रखने का लक्ष्य ‘बिना योजना के नहीं’ है बल्कि इसके लिए बजट में कई कई उपाय सूचीबद्ध हैं।
उन्होंने कहा कि निवेश को बढ़ावा देने के लिए एफडीआई मानदंडों को और अधिक उदार बनाया गया, 400 करोड़ रुपये तक के कारोबार वाली कंपनियों के लिये कारपोरेट टैक्स की दर कम की गयी है और देश में इलेक्ट्रिक वाहनों के उपयोग को प्रोत्साहित करने के लिये कदम उठाये गये हैं। वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार ने बुनियादी ढांचा क्षेत्र में अगले पांच साल में 100 लाख करोड़ रुपये के निवेश का लक्ष्य रखा है। इससे बजट में निवेश को बढ़ाने के लिये सरकार की मजबूत प्रतिबद्धता दिखायी देती है।
लोकसभा में पांच जुलाई को पेश हुए बजट में उन्होंने कहा था कि सरकार का 2019-20 में शुद्ध कर राजस्व के रूप में 16.49 लाख करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य है। यह पूर्व वित्त वर्ष के मुकाबले 11.13 फीसदी अधिक है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि बजट में राजस्व और व्यय के प्रत्येक अनुमान उपयुक्त हैं और उसके लिये पर्याप्त प्रावधान किये गये हैं।