एक सर्वे से यह सामने आया है कि चार में से एक मर्द को हर महीने माहवारी होती। फर्क इतना है कि इसमें रक्तस्राव नहीं होता बल्कि दूसरे लक्षण सामने आते हैं।
डेलीमेल में छपी खबर के मुताबिक सर्वे की रिपोर्ट कहती है कि इसके लक्षण वैसे ही होते हैं जैसे कि औरतों में। यानी मर्दों को भी पेट में ऐंठन होती है, जल्दी जल्दी थकान महसूस होती है, वे चिड़चिड़े हो जाते हैं और उन्हें भी अलग अलग तरह की चीजें खाने की चाहत बढ़ जाती है जिसे क्रेविंग कहते हैं। इससे गुजरने वाले मर्दों की महिला साथियों में से दो तिहाई महिलाओं ने यह माना भी उनके पार्टनर के साथ यह सब होता है और पुरुष माहवारी जैसी चीज सच में होती है। जबकि उनमें से कुछ ने कहा कि उनके साथी का इस दौरान उनसे भी ज्यादा बुरा हाल हो जाता है।
वाउचरक्लाउड.को.यूके ने 2412 लोगों पर यह सर्वे किया जिनमें से आधे मर्द थे। ये लोग 12 महीनों से ज्यादा तक रिलेशनशिप में रहे हैं। उनमें से 26 प्रतिशत मर्दों में ये सारे लक्षण पाए गए। महिलाओं से भी पूछा गया कि इस दौरान उन्होंने अपने साथी का दर्द कम करने के लिए कुछ किया या नहीं तो 43 प्रतिशत महिलाओं का जवाब हां था। उन्होंने साथी को खुश करने की कोशिश की। 33 प्रतिशत महिलाओं ने कहा कि वे बस उन्हें मर्द की तरह मजबूत बनने की सलाह देती हैं। लक्षणों में 56% चिड़िचिड़ापन था, 51% ज्यादा थकान होना, 47% क्रेविंग, 43% लगातार भूख लगना, 43% बात बात पर दुखी हो जाना और 15% शरीर का फूल जाना।
‘पुरुष माहवारी’ की धारणा पर काफी समय तक शोध हुए हैं। कुछ शोधकर्ताओं का मानना है कि पुरुषों के हार्मोन चंद्र कलाओं के साथ घटते-बढ़ते हैं। इसी पर उनकी दाढ़ी का बढ़ना भी निर्भर करता है। 2012 में हुई एक ब्रिटिश स्टडी ने दावा किया कि पुरुषों को भी उतना ही दर्द होता हैं जितना औरतों को। हालांकि दर्द को परिभाषित नहीं किया जा सकता। यह भी हो सकता है कि औरतों को ज्यादा होता हो लेकिन वे दिखाती न हों।