नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने शनिवार को कहा कि 2019-20 का बजट अतीत से एकदम अलग बड़ी तस्वीर पर ध्यान केंद्रित करता है और मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के लिए स्पष्ट दिशानिर्देश निर्धारित करता है।
देश की पहली पूर्णकालिक महिला वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश किए गए आम बजट को राजीव कुमार ने ‘लीक से हटकर’ बताया। उन्होंने कहा कि यह बजट में अगले 10 साल की कार्ययोजना का बहुत व्यापक खाका समेटे हुए है।
विपक्षी दलों की इस आलोचना पर कि इस बजट में मध्यम वर्ग के लिए बहुत कुछ नहीं है, कुमार ने कहा कि छह महीने पहले पेश किए गए अंतरिम बजट में आयकर में छूट की व्यवस्था की गई थी और राजकोषीय बाधाओं के चलते इस तरह की रियायतें बार-बार नहीं दी जा सकती हैं।
गौरतलब है कि इस साल फरवरी में पेश अंतरिम बजट में मोदी सरकार ने आयकर छूट की सीमा को बढ़ाकर पांच लाख रुपये कर दिया था।
कुमार ने कहा कि आखिरकार, सरकार को उन सभी विकास कायरें को करने के लिए राजकोषीय संसाधनों की आवश्यकता होती है जो वह करने की कोशिश कर रही होती है और उसे निवेशकों की कई तरह से मदद भी करनी पड़ती है।
उन्होंने कहा कि निजी निवेश को आकर्षित करने और निवेशकों के अंदर भरोसा कायम करने के लिए इस बजट में बहुत मजबूत प्रयास किए गए हैं।
पेट्रोल और डीजल के दामों में वृद्धि के सवाल पर उन्होंने कहा कि पेट्रोल के मामले में यह बहुत ज्यादा नहीं है। जहां तक डीजल की बढ़ी कीमत की बात है तो मुद्रास्फीति पर इसका बहुत ज्यादा असर नहीं पड़ेगा। बता दें कि बजट में पेट्रोल और डीजल के दाम में दो रुपये प्रति लीटर की वृद्धि की गई है।