देश के कई हिस्सों में मानसून ने दस्तक दे दी है वहीं कुछ अनछुए हिस्सों में इस माह के अंत तक बारिश की बौछार का पूर्वानुमान है। अगले कुछ घंटों में महाराष्ट्र के कई इलाकों के साथ मेघालय और असम में भी भारी बारिश के संकेत हैं। देर से ही सही लेकिन गुजरात और मुंबई में मानसून पहुंच चुका है। मौसम का हाल-पता देने वाली स्काइमेट वेदर ने गुरुवार को अपने पूर्वानुमान में बताया कि अगले 24 घंटों में अलीबाग, कोल्हापुर, मुंबई, मुंबई सबअर्बन, नागपुर, पालघर, पुणे, रायगढ़, रत्नागिरी, सांगली, सतारा, सिंधुदुर्ग और ठाणे में मामूली से भारी बारिश होगी। साथ ही यहां बिजली चमकने और गरज के भी आसार बताए गए हैं।
पिछले 24 घंटों में उत्तरपूर्वी राज्यों में भारी बारिश हुई। सिक्किम असम अरुणाचल प्रदेश और पश्चिम बंगाल को मानसून की बारिश ने सराबोर कर दिया। वहीं असम के निचले हिस्से में बारिश के कारण बाढ़ की सी स्थिति बन गई है। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ तथा इसके आस-पास के क्षेत्रों में छाए बादल से गर्मी से तो राहत है पर बारिश अभी भी दूर है। मौसम विभाग के अनुसार, अगले दो दिनों में यहां भारी बारिश होने की संभावना है। उत्तरी मानसून अब गुजरात, दक्षिणपूर्व राजस्थान और इससे संपर्क वाले मध्यप्रदेश के हिस्सों में भी बारिश की शुरुआत हो चुकी है। मानसून अभी वेरावल, सूरत, इंदौर, मांडला, पेंड्रा, सुल्तानपुर, लखीमपुर खीरी और मुक्तेश्वर से गुजर रहा है। मौसम विभाग की माने तो महाराष्ट्र के 90 फीसद भाग में मानसून पहुंच गया है।
अगले चार से पांच दिनों में मुंबई, उत्तरी कोंकण और मध्य महाराष्ट्र के उत्तरी इलाकों तक मानसून के पहुंचने की संभावना है। देश के दक्षिणी हिस्से में कर्नाटक के हुबली में भारी बारिश हुई। पूर्वोतर भारत में असम के तामुलपुर में इतनी अधिक बारिश हुई की लोगों के लिए परेशानी खड़ी हो गई। देश में बारिश का मौसम एक जून से शुरू होकर 30 सितंबर तक चलता है, लेकिन 22 जून तक मानसून में औसतन 39 प्रतिशत कमी दर्ज की गई है। देश में मौसम संबंधी 36 उपखंडों में से 25 प्रतिशत ने ‘कम’ वर्षा दर्ज की है जबकि छह उपखंडों में ‘बेहद कम बारिश’ दर्ज की गई है। ओडिशा और लक्षद्वीप उपखंडों में ‘सामान्य’ बारिश दर्ज की गई है। जम्मू-कश्मीर और पूर्वी राजस्थान में ‘ज्यादा’ बारिश दर्ज की गई है जबकि अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में ‘बहुत ज्यादा बारिश’ दर्ज की गई है।