6 मई यानी कल देर रात भारतीय सेना द्वारा Operation Sindoor चलाया गया। इसके तहत पाकिस्तान में स्थित 9 आतंकी गुटों पर हवाई हमला किया गया था। जिसके बाद से भारत और पाकिस्तान के बीच स्थिति और भी गंभीर हो गई है।
अमूमन ऐसी घटनाओं से देश के स्टॉक मार्केट टूट जाने चाहिए थे, लेकिन ऐसा हुआ नहीं। भारतीय बाजार थोड़ी गिरावट के साथ खुले, लेकिन जल्द ही गिरावट से रिकवरी कर ली। खबर लिखे जाने तक भारतीय बाजार सपाट कारोबार कर रहे थे। वहींं, पाकिस्तानी शेयर बाजार बुरी तरह टूट गए। कराची केएसई 100 अभी लिखते समय 12.29 बजे 2856 अंक टूटकर 110,711 पर कारोबार कर रहा है।
भारतीय शेयर बाजार पर नहीं हुआ असर
अभी लिखते समय सुबह 12:32 बजे भारतीय शेयर बाजार का बीएसई सेंसेक्स 9 अंक चढ़कर 80,645 पर कारोबार कर रहा है। ये आज मामूली बढ़त के साथ ट्रेड कर रहा है।
इसके अलावा एनएसई निफ्टी 12 अंक की मामूली तेजी के साथ 24,392 पर ट्रेड कर रहा है। इसमें 0.05 फीसदी की बढ़त आई है। इससे ये कहा जा सकता है कि भारत और पाकिस्तान के बीच चल रही लड़ाई का भारतीय शेयर बाजार पर असर नहीं हो रहा।
क्यों नहीं गिरे भारतीय बाजार, आनंदराठी ने बताई ये वजहें
ब्रोकरेज फर्म आनंद राठी ने कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच हो रहे तनाव के बावजूद भी भारतीय शेयर बाजारों ने मजबूती दिखाई है। इससे पहले भी जब दोनों देशों के बीच तनाव बड़ा है, जैसे कारगिल वार, संसद पर हमला इन सब स्थिति में भी शेयर बाजार में ज्यादा गिरावट नहीं हुई थी।
आनंद राठी ने कहा कि इससे पहले भी दोनों ही देश के बीच स्थिति बिगड़ी है, लेकिन दोनों ही युद्ध करने से बचते दिखाई दिए हैं। बड़े युद्ध की आशंका अब भी कम बनी हुई है। दोनों देशों ने तीखी बयानबाजी के बावजूद आम तौर पर सामरिक सीमाओं से आगे बढ़ने से परहेज किया है।आनंद राठी के मुताबिक, निवेशक शोर और बुनियादी बातों में अंतर करने में माहिर हो गए हैं। इक्विटी और एफपीआई डेटा दिखाते हैं कि गंभीर संकट के बाद भी, बाजारों ने तेजी से वापसी की है। इस बार भी कुछ अलग नहीं दिख रहा है। इसलिए बाजार पर कोई असर नहीं पड़ा।
मूडीज ने पहले ही जताया था ऐसा अनुमान
रेटिंग एजेंसी मूडीज ने अपनी रिपोर्ट में पहले ही ऐसा अनुमान जता दिया था। मूडीज ने कहा था कि दोनों देशों के बीच चल रहे विवाद का ज्यादा नेगेटिव असर पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था पर ही होगा। मूडीज रिपोर्ट के अनुसार साल 2024 में भारत के कुल निर्यात का 0.5 फीसदी से भी कम पाकिस्तान हिस्सा रहा था। भारत और पाकिस्तान के बीच किसी भी तरह का ट्रेड नहीं होता है। इसलिए भारत पर इस विवाद का असर नहीं पड़ेगा।