फिल्म स्टार व गुरदासपुर सीट से सांसद चुने गए सनी देयोल की मुश्किल बढ़ गई है। लोकसभा चुनाव में तय सीमा से अधिक खर्च करने के मामले में उन पर चुनाव आयोग का शिकंजा कस गया है।
चुनाव आयोग ने उनसे 10 दिनों के अंदर जवाब देने को कहा है। जिला चुनाव अधिकारी ने निर्धारित सीमा से अधिक खर्च करने पर उन्हें नोटिस जारी किया है। जिला चुनाव अधिकारी के मुताबिक सनी देयोल ने लोकसभा चुनाव में तय खर्च सीमा 70 लाख रुपये के बजाय 85 लाख रुपये खर्च किए। सनी देयाेल को दस दिन में अपने चुनाव खर्च का विवरण मॉनिटरिंग कमेटी को देना है। सोशल मीडिया में वायरल मैसेज में सनी की सदस्यता खतरे में बताई जा रही है, जबकि कानून के जानकार ऐसे किसी निष्कर्ष पर पहुंचना जल्दबाजी बता रहे हैं। चुनाव अधिकारी के नोटिस के बाद जवाब देने की तैयारी में जुटी भाजपा जिला निर्वाचन अधिकारी विपुल उज्ज्वल की ओर से सनी देयोल को चुनाव खर्च में आचार संहिता के उल्लंधन पर नोटिस जारी किया गया था। चुनाव आयोग की ओर से प्रत्याशियों के खर्च की मॉनिटरिंग करने के लिए आब्जर्वर नियुक्त किए जाते हैं। आब्जर्वर खुद भी प्रत्याशी के खर्च का विवरण तैयार करते हैं। गुरदासपुर हलके में आदित्य वाजपेयी और राजेश धनिष्टा खर्च ऑब्जर्वर के तौर पर तैनात थे।
उनकी ओर से तैयार रिपोर्ट में सनी देयोल का चुनाव खर्च 85 लाख रुपये बताया गया है। चुनाव खर्च नामांकन पत्र दाखिल करने के समय से ही शुरू हो जाता है और मतदान प्रक्रिया पूरी होने तक जारी रहता है। विजेता उम्मीदवार की ओर से निकाले जाने वाले रोड शो का खर्च भी उसके खर्च में शामिल किया जाता है। दूसरी तरफ एडवोकेट रंजन चौहान का कहना है कि सनी देयोल की सदस्यता को खतरे की आशंका बहुत कम है। अंतिम फैसले तक पहुंचने से पहले विशेषज्ञ कई बार खर्च का मिलान करेंगे। इसके बाद अदालत में भी मामला जा सकता है।नोटिस भेज स्पष्टीकरण मांगना सामान्य प्रक्रिया : जिला चुनाव अधिकारी डिप्टी कमिश्नर सह जिला चुनाव अधिकारी विपुल उज्ज्वल का कहना है कि सनी देयोल को नोटिस भेजना एक सामान्य प्रक्रिया है। देश में जो भी प्रत्याशी ज्यादा खर्च करता है उसे नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण मांगा जाता है।