सरकार के स्वामित्व वाले कर्जदाता यूको बैंक ने यशोवर्धन बिरला को बिरला सूर्या लिमिटेड को दिए गए 67.55 करोड़ रुपये के कर्ज को वापस न करने पर विलफुल डिफॉल्टर घोषित किया है। यूको बैंक की तरफ से भारतीय स्टेट बैंक, पंजाब नेशनल बैंक और यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया समेत कंसोर्टियम के हिस्से के रूप में कर्ज दिया गया था। बैंक की तरफ से अपनी वेबसाइट पर दी गई जानकारी के अनुसार, डिफॉल्टर से राशि वसूलने के लिए बैंक ने मुकदमा दायर किया है।
मुंबई के नरीमन पॉइंट की यूको बैंक की कॉर्पोरेट ब्रांच से एक सार्वजनिक सूचना के अनुसार, मल्टी-क्रिस्टलीय सौर फोटोवोल्टिक सेल्स बनाने के लिए बिरला सूर्या लिमिटेड को फंड-बेस्ड सुविधाओं के लिए 100 करोड़ रुपये की क्रेडिट लिमिट सेंक्शन की गई थी। बैंक को पैसा नहीं चुकाने के कारण 3 जून, 2013 को अकाउंट को नॉन-परफार्मिंग एसेट (NPA) घोषित किया गया था। कर्ज लेने वाले ने कई नोटिसों के बावजूद बैंक को पैसा नहीं चुकाया।
नोटिस के अनुसार, बैंक की तरफ से कर्ज लेने वाली कंपनी और उसके डायरेक्टर्स, प्रमोटर्स, गारंटर्स को विलफुल डिफॉल्टर्स घोषित किया गया है और सार्वजनिक सूचना के लिए उनके नाम की जानकारी क्रेडिट इंफॉर्मेशन कंपनियों को दे दी गई है। आरबीआई की गाइडलाइन्स के अनुसार, एक बार विलफुल डिफॉल्टर घोषित किए जाने के बाद कर्ज लेने वाले को बैंकों या वित्तीय संस्थानों की तरफ से कोई भी अन्य सुविधा नहीं मिलती है और उसको 5 साल के लिए नए वेंचर्स को शुरू करने से रोक दिया जाता है। इसी के साथ कर्जदाता कर्ज लेने वाली कंपनी और उसके डायरेक्टर्स के खिलाफ क्रिमिनल कार्यवाही शुरू कर सकते हैं।
कोलकाता बेस्ड कर्जदाता ने 665 विलफुल डिफॉल्टरों की एक लिस्ट जारी की है, जिसमें यह बताया है कि उन्हें कितना बकाया चुकाना है। बैंक की तरफ से जारी अन्य मुख्य विलफुल डिफॉल्टर्स में जूम डेवलपर्स 309.50 करोड़ रुपये के बकाया कर्ज के साथ, फर्स्ट लीजिंग कंपनी 142.94 करोड़ रुपये के बकाया कर्ज के साथ, मोजर बेयर इंडिया 22.15 करोड़ रुपये के बकाया कर्ज के साथ और सूर्या विनायक इंडस्ट्रीज एनपीए के साथ 107.81 करोड़ रुपये के एनपीए के साथ शामिल हैं।