ज्योतिष शास्त्र में कई ऐसी चीजें बताई गयी है जिनके द्वारा इंसान के भविष्य में होने वाली सभी घटनाओं को पता किया जा सकता है। ऐसे में यह शक्ति योग के द्वारा जागृत की जा सकती है और आज हम आपको यहाँ पर इसी बारे में कुछ उपाय बताने वाले है।
इंसान जान सकता है अपना भविष्य-
सुषुम्ना सबसे मध्य में स्थित है और ऐसा माना जाता है की जब नासिका के दोनों स्वर चलते है तो इनके सक्रीय होने की संभावना ज्यादा बढ़ जाती है और इनकी सक्रियता से अतींद्रिय और ईश्वरीय ज्ञान जाग्रत हो जाता है।
वहीं हमारे पुरे शारीर में हजारो नाडिया है जिनकी शुद्ही सिर्फ प्राणायाम और आसनों से ही हो सकती है इस कारण से भविष्य को जानने की शक्ति पाने के लिए सबसे पहले योग और प्राणायाम किया जाता है।
भविष्य की घटना को देखने के लिए आपको सबसे पहले प्राणायाम का अभ्यास करना जरुरी है, जब इसका अच्छे से अभ्यास हो जाए तो बाद में भृकुटी पर ध्यान लगाकर निरंतर मध्य स्थित अंधेरे को देखते रहना चाहिए और ऐसा बोध करना चाहिये की श्वास अंदर से बाहर हो रही है, जब-जब समय बीतता जायेगा तब-तब मौन, ध्यान, साधना से मन की क्षमता को बढाया जा सकता है।