ये 5 फल दिलाएंगे गर्मियों से राहत, बालों और स्किन का भी ख्याल…

प्लम-  प्लम को आलूबुखारा के नाम से भी जाना जाता है। जो न केवल गर्मी से राहत दिलाने में मददगार होता है, बल्कि यह सेहत के लिए भी बहुत ही फायदेमंद होता है। इसके सेवन से वजन कम करने में मदद मिलती है। यह शरीर में रक्तसंचार को सही रखता है। विशेषज्ञों का कहना है कि प्लम का सेवन गर्भवती महिलाओं के लिए भी फायदेमंद होता है। यह कैंसर उत्पन्न करने वाले सेल्स को कम करता है। इससे शरीर का मेटाबॉलिज्म सही रहता है साथ ही पाचनतंत्र भी मजबूत होता है।न्यूट्रिशनिस्ट्स का कहना है कि स्वाद में खट्टा-मीठा यह फल पोषक तत्वों का पावर हाउस कहलाता है। प्लम में पाए जाने वाले पोषक तत्व जैसे कैल्शियम, कॉपर, फोलेट्स, आयरन, मैग्नीशियम, सेलेनियम, विटामिन ए, सी, ई, डाइटरी फाइबर्स, कार्बोहाइड्रेट्स, एंथोसियानिंस आदि पोषक तत्व प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं। न्यूट्रिशनिस्ट्स का कहना है कि इसमें मिलने वाले पोषक तत्वों की वजह से ये हमारी मानसिक सेहत को सही रखने में भी प्रमुख भूमिका निभाता है। प्लम के सेवन से अवसाद और तनाव की स्थिति में भी आराम मिलता है।

लीची-  यह न केवल अपनी मिठास और स्वाद के कारण लोगों को फेवरेट होती है, बल्कि इसमें पोटैशियम, पॉलीफेनाल्स, एंटीऑक्सीडेंट्स भी प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं। लीची में मिलने वाला पोषक तत्व र्यूटिन शरीर की रक्त वाहिकाओं को मजबूत बनाता है। यह ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने में भी प्रमुख भूमिका अदा करता है। लीची में मिलने वाले तत्व शरीर में सोडियम की मात्रा को नियंत्रित रखते हैं साथ ही इम्यून सिस्टम को मजबूत करने में मदद करते हैं। यह कैंसर पैदा करने वाले सेल्स को खत्म करती है। अन्य फलों के मुकाबले इसमें मिलने वाला विटामिन सी हमारी त्वचा और बालों के लिए अधिक फायदेमंद होता है। न्यूट्रिशनिस्ट का कहना है कि इसमें पाए जाने वाले पोषक तत्व जैसे मैग्नीशियम, कॉपर, आयरन, मैंग्नीज, फोलेट्स शरीर में रक्तसंचार को सही रखने में प्रमुख भूमिका अदा करते हैं। इसमें मिलने वाले तत्व हमारे शरीर की हड्डियों और दांतों को मजबूत बनाते हैं साथ ही एंटी एजिंग की प्रक्रिया को धीमा करने में मदद करते हैं।न्यूरो स्पेशलिस्ट्स का कहना है कि लीची ब्रेन के लिए भी फायदेमंद है। इसके सेवन से ब्रेन के न्यूरोट्रांस्मीटर्स सही तरह से काम करते हैं। साथ ही ब्रेन में बनने वाले केमिकल्स के निर्माण में सहायक होता है।

पीच-  इसे आड़ू भी कहते हैं। करीब आठ हजार साल पहले इसका उत्पादन चीन में होता था। यह हमारे पाचनतंत्र को सही रखने के साथ ही विभिन्न प्रकार की एलर्जी से राहत दिलाता है। न्यूट्रिशनिस्ट्स का कहना है कि इसमें मिलने वाले पोषक तत्व जैसे पोटैशियम, प्रोटीन, फाइबर, नियासिन, विटामिन ए, बी, ई, के व कॉपर, मैंग्नीज, फॉस्फोरस, मैग्नीशियम, आयरन आदि न केवल हमारी शारीरिक सेहत को सही रखने में मदद करते हैं, बल्कि ये दिमागी सेहत को भी दुरुस्त रखते हैं। इसमें पाए जाने वाले एंटीऑक्सीडेंट्स और दूसरे प्लांट कंपाउंड्स पाचन तंत्र को सही रखने के साथ इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाते हैं। इसमें मिलने वाले तत्व हाई ब्लड प्रेशर को नियंत्रित रखने में मदद करते हैं साथ ही कोलेस्ट्राल के स्तर को सही रखते हैं। इसमें मिलने वाले तत्व कैरेटोनॉइड्स व कैफिक एसिड विभिन्न प्रकार के कैंसर की रोकथाम में सहायक होते हैं। पीच में पाए जाने वाले प्लांट कंपाउंड्स त्वचा में निखार लाने के साथ त्वचा की नमी को बरकरार रखने में मदद करते हैं। सबसे खास बात यह है कि पीच के सेवन से त्वचा सूर्य की हानिकारक किरणों से भी सुरक्षित रहती है।

न्यूट्रिशनिस्ट का कहना है कि एप्रीकॉट के सेवन से हमारे शरीर का मेटाबॉलिज्म सही रहता है, हड्डियां मजबूत होती हैं, कब्ज में राहत मिलती है, त्वचा में निखार आता है, शरीर में मौजूद रक्त में किसी प्रकार का संक्रमण नहीं होता, एनीमिया से राहत मिलती है अर्थात खून की कमी दूर होती है, हृदय को मजबूती मिलती है साथ ही विभिन्न प्रकार के कैंसर को रोकने में मदद मिलती है। इस फल में यूं ही उपरोक्त खूबियां नहीं पाई जाती हैं। इसका कारण है कि इसमें पाए जाने वाले विभिन्न पोषक तत्व। इस फल में विभिन्न प्रकार के विटामिंस जैसे विटामिन ए, सी, ई, के आदि प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं। इसके साथ ही इसमें एंटीऑक्सीडेंट्स, नियासिन, कॉपर, पोटेशियम, मैंग्नीज, फॉस्फोरस, मैग्नीशियम आदि पोषक तत्व भी पाए जाते हैं। डाइटरी फाइबर की वजह से यह पाचनतंत्र को सही रखता है। इससे कब्ज की समस्या नहीं होती है। प्रचुर मात्रा में पोटैशियम मौजूद होने के कारण यह हमारे मेटाबॉलिज्म को दुरुस्त रखता है। पोटैशियम की वजह से शरीर में फ्लूड बैलेंस सही रहता है। इससे शरीर को एनर्जी मिलती है और रक्तसंचार सुचारु रूप से होता है। कॉपर और आयरन की मात्रा शरीर में हीमोग्लोबिन के बनने में मदद करती है। इससे शारीरिक कमजोरी नहीं महसूस होती है साथ ही थकान का अनुभव नहीं होता है। विटामिन ए, सी, बीटा-कैरोटिन, कैरेटोनॉइड्स आंखों की रोशनी को सही रखते हैं और आंख संबंधी विभिन्न प्रकार की समस्याओं से भी बचाते हैं। विटामिन सी, डाइटरी फाइबर और पोटेशियम की पर्याप्त मौजूदगी के कारण यह हमारे हृदय को विभिन्न प्रकार की समस्याओं से बचाता है।

फिग्स-  अंजीर के नाम से भी पहचाने वाले इस फल को ताजा या सूखा किसी भी रूप में खाया जा सकता है। न्यूट्रिशनिस्ट का कहना है कि कुदरती रूप से इसमें शुगर की काफी मात्रा मौजूद होती है। इसलिए इसे कुदरत की कैंडी भी कहा जाता है। अंजीर का फल कई रंगों में पाया जाता है। अमेरिकन कालेज आफ न्यूट्रिशन द्वारा किए गए एक शोध-अध्ययन से पता चला है कि अंजीर के सेवन से न केवल वजन कम करने में मदद मिलती है, बल्कि यह हृदय संबंधी समस्याओं से भी बचाता है। इसके सेवन से हड्डियां मजबूत होती हैं साथ ही ब्लड प्रेशर भी नियंत्रण में रहता है। डाइटीशियंस का कहना है कि अंजीर को अगर गुणों का भंडार कहा जाए तो यह अतिश्योक्ति न होगी। कारण इसमें विभिन्न प्रकार के पोषक तत्वों की मात्रा भरपूर होती है। इसमें फाइबर, कैल्शियम, आयरन, मैग्नीशियम, फॉस्फोरस, पोटैशियम, सोडियम, जिंक आदि पाया जाता है, जो हमारे शरीर के इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाने में मदद करता है।

इसके अलावा इसमें विभिन्न प्रकार के एंटीऑक्सीडेंट्स व विटामिंस जैसे विटामिन ए, बी, डी, ई, के, थियामिन, राइबोफ्लेविन, नियासिन आदि पोषक तत्व भी पाए जाते हैं। यह शरीर के लिए लाभदायक ओमेगा-3, ओमेगा-6 फैटी एसिड से भी भरपूर होता है। विशेषज्ञों का कहना है कि हम अपने खानपान में अमूमन नमक का अधिक प्रयोग करते हैं। इससे शरीर में सोडियम की अधिकता हो जाती है, जब शरीर में सोडियम की मात्रा अधिक हो जाती है और पोटैशियम की मात्रा कम हो जाती हो तो व्यक्ति के हाइपरटेंशन होने की संभावना बढ़ जाती है। इस मामले में अंजीर का सेवन बहुत लाभदायक रहता है। कारण, इसमें सोडियम बहुत कम मात्रा में पाया जाता है, जबकि पोटैशियम प्रचुर मात्रा में मौजूद होता है। इससे शरीर में न केवल ताजगी रहती है, बल्कि मन भी शांत रहता है। कैल्शियम और फॉस्फोरस की अधिकता के कारण यह जोड़ों संबंधी समस्याओं से भी बचाता है। अमेरिकन डायबिटीज एसोशिएसन के अनुसार फाईबर और पोटैशियम की अधिकता के कारण अंजीर के सेवन से शरीर में शुगर लेवल कंट्रोल रहता है साथ ही विभिन्न प्रकार के संक्रमण होने से भी बचाता है। फ्लेवोनॉइड्स और पालीफेनॉल्स से त्वचा और बालों को पोषण मिलता है और इनमें निखार आता है।

 

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