नोटबंदी के ऐलान के बाद मोदी सरकार ने दावा किया था कि इससे काला धन बर्बाद होगा लेकिन जिस तेजी से बैंकों में पुराने नोटों के भंडार भर रहे हैं, उससे ये दावे खोखले साबित होते नजर आ रहे हैं. सरकारी आंकड़े बताते हैं कि शनिवार शाम तक 9.85 लाख करोड़ की कीमत वाले 500 और 1,000 रुपये के बंद हो चुके नोट बैंकों में जमा कराए जा चुके हैं.
केंद्र सरकार का मानना था कि नोटबंदी के बाद करीब 3 लाख करोड़ रुपये का काला धन बैंकों में नहीं आएगा. बैंकों में पुराने नोट जमा कराने की आखिरी तारीख 30 दिसंबर है यानी लोगों के पास अब भी समय है. इससे पहले बैंकों में और रुपये जमा होने की संभावना के चलते 3 लाख करोड़ की रकम का अनुमान घट सकता है.
काले धन को सफेद करने का निकाला रास्ता
सूत्रों का कहना है कि सरकार को उम्मीद थी कि 14.6 लाख करोड़ का 10 फीसदी बैंकों में जमा नहीं होगा लेकिन अब तक जमा हो चुका रकम और नोट बदलने की आखिरी तारीख को अभी वक्त को देखते हुए सरकार की उम्मीदों पर पानी फिरता दिख रहा है. इससे साफ है कि भ्रष्टाचारियों ने काले धन को सफेद करने का रास्ता निकाल लिया है. हालांकि सरकार भी काला धन रखने वालों की चालाकियों को समझकर आए दिन नए बदलाव कर रही है.
सरकार लगातार कर रही नियमों में बदलाव
पीएम मोदी ने जन धन खातों में तेजी से पैसे जमा होने की बात कही. शुरुआती जांच में सामने आया है कि ज्यादातर जनधन खातों में 49,000 रुपये जमा कराए गए क्योंकि 50,000 रुपये या इससे ज्यादा रकम जमा कराने पर पैन नंबर देना जरूरी था. इसके बाद सरकार ने इन जनधन खातों से एक महीने में सिर्फ 10,000 रुपये ही निकालने की सीमा तय कर दी.
काले धन की बर्बादी नहीं, अब काले धन की वापसी की बात
सूत्रों का कहना है कि कुछ काला धन अब भी अर्थव्यवस्था से बाहर रहेगा. केंद्र सरकार ने अपना ध्यान काले धन से हटाकर इस बात की तरफ कर लिया है कि भ्रष्टाचारियों ने कितनी रकम का खुलासा किया है. नोटबंदी के तुरंत बद पुराने नोटों को गंगा में प्रवाह करने की बात करने वाले पीएम मोदी ने शनिवार को मुरादाबाद की रैली में काले धन के वापस आने की बात कही. इससे साफ है कि सरकार काले धन को अर्थव्यवस्था से बाहर रखने की जुगत में काफी हद तक नाकाम नजर आ रही है.