गैर अमेरिकी थिंक टैंक स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (सिपरी) ने अपनी नई रिपोर्ट में कहा है कि अमेरिका के सैन्य खर्च में सात साल में पहली बार बढ़ोतरी की गई है। सैन्य खर्च में यह वृद्धि ट्रंप प्रशासन की नीति को दर्शाती है।
सोमवार को जारी रिपोर्ट के अनुसार, पूरी दुनिया में पिछले साल 2.6 फीसद वृद्धि के साथ सैन्य खर्च कुल एक लाख 80 हजार करोड़ डॉलर रहा। वैश्विक स्तर पर सैन्य खर्च में बढ़ोतरी का यह लगातार दूसरा साल है और 1988 के बाद यह आंकड़ा शीर्ष स्तर पर पहुंच गया है।
सिपरी के शस्त्र और सैन्य व्यय कार्यक्रम के निदेशक ऑडे फ्लूरेंट ने कहा, ‘ट्रंप प्रशासन के आने के बाद 2017 से नए हथियार खरीद कार्यक्रमों पर खर्च में वृद्धि की जा रही है।’ रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिका का रक्षा बजट 649 अरब डॉलर (करीब 45 लाख करोड़ रुपये) है। चीन के रक्षा खर्च में भी साल 2009 से 83 फीसद की बढ़ोतरी हुई है। सैन्य खर्च के मामले में चीन, सऊदी अरब और भारत से आगे है। इस साल के लिए चीन का रक्षा बजट 177.61 अरब डॉलर (करीब 12.5 लाख करोड़ रुपये) है। जबकि भारत का रक्षा बजट 3.18 लाख करोड़ रुपये है। इस दौरान रूस के रक्षा खर्च में कमी दर्ज की गई है। साल 2016 से उसके रक्षा खर्च में गिरावट आ रही है।