टेक्नोपार्क एडवाइजर्स के एमडी अरविंद सिंघल का कहना है कि पिछले एक डेढ़ साल में अमेजन 2.5 अरब डॉलर खर्च कर दो दर्जन से ज्यादा कंपनियों को खरीद चुके हैं या उनमें हिस्सेदारी ले ली है। इसमें आर्टीफीशियल इंटेलीजेंस से लेकर ग्राहकों के खर्च, आदतों पर नजर रखने के लिए डाटा एनालिटिक्स से जुड़ी कंपनियां शामिल हैं।
रिलायंस ने पिछले हफ्ते सात अरब रुपये में हैप्टिक इन्फोटेक को खरीदा, जो आर्टीफीशियल इंटेलीजेंस की मदद से ग्राहकों को मैसेजिंग सेवा प्रदान करती है। इससे पहले इंटरनेट ऑफ थिंग्स और 5जी की विशेषज्ञता वाली रेडिसिस से हाथ मिला चुकी है।
ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी एक्सपर्ट वक्त होल्डिंग्स के साथ खाना, ग्रोसरी और अन्य उत्पादों की आपूर्ति में आगे ग्रैब ए ग्रब को रिलायंस अपने साथ मिला चुकी है। ई कॉमर्स मार्केट प्लेस इन्फीबीम एवेन्यूज भी उससे जुड़ चुकी है। मार्गन स्टैनले के अनुसार, भारत का ई-कॉमर्स बाजार अभी 30 अरब डॉलर का है, जो अगले दस साल में 200 अरब डॉलर का हो जाएगा।