भारतीय जनता पार्टी ने उत्तर प्रदेश से अपने पांच और उम्मीदवारों की सूची बुधवार को जारी कर दी. यह बीजेपी की 16वीं लिस्ट है. भोजपुरी फिल्मों के सुपर स्टार दिनेश लाल यादव उर्फ निरहुआ आजमगढ़ से बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ेंगे. उनका मुकाबला सपा अध्यक्ष व उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से होगा. दिलचस्प तथ्य यह है कि दिनेश लाल कभी सपा के लिए ही प्रचार करते थे. सपा ने अपने कार्यकाल में उन्हें यशभारती सम्मान से सम्मानित भी किया था. निरहुआ ने पिछले हफ्ते 27 मार्च को बीजेपी ज्वॉइन की थी तभी से कयास लगाए जा रहे थे कि उन्हें आजमगढ़ से टिकट मिल सकता है. 
बीजेपी से टिकट मिलने के बाद निरहुआ ने कहा, “अखिलेश मेरे बड़े भाई हैं. यहां पर ‘यादव’ होने का कोई सवाल नहीं है. यदि आप इस आधार पर चुनाव लड़ रहे हैं कि आप यादव हैं तो लोग आपको केवल नहीं चुनेंगे, आप बुरी तरह हार जाएंगे. आज देश अन्य मुद्दों पर विचार-विमर्श कर रहा है. ”
निरहुआ ने आगे कहा, “हर यादव आज मानता है कि वे ‘अखिलेश भक्त’ नहीं हैं, वे ‘देशभक्त’ हैं. हमारे खुद के विचार हैं, हम जानते हैं कि क्या देश के हित में है. हमें जाति से ऊपर राजनीति करनी होगी, लोग इसे समझते हैं.”
निरहुआ सपा नेता सुभाष पाषी के बेहद अजीज़ दोस्त माने जाते हैं और कभी अखिलेश यादव से मिलने का जुगाड़ लगाया करते थे. निरहुआ के लिए आज़मगढ़ सीट से चुनाव लड़ना बेहद चुनौती भरा होगा. क्योंकि ये सीट सपा की परंपरागत सीट मानी जाती है. फिलहाल आज़मगढ़ लोकसभा सीट से मुलायम सिंह यादव सांसद हैं. पूर्वांचल में आज़मगढ़ को समाजवादियों का गढ़ भी कहा जाता है.
1996 में पहली बार सपा ने खोला था आजमगढ़ में खाता
आज़मगढ़ लोकसभा सीट को सपा का गढ़ माना जाता है. 1996 के लोकसभा चुनाव में पहली बार सपा की ओर से रमाकांत यादव ने सपा का खाता इस सीट पर खोला था. रमाकांत यादव, मुलायम सिंह यादव को अपना राजनीतिक गुरु मानते हैं. हालांकि 1998 के लोकसभा चुनाव में यह सीट बसपा में खाते में चली गई और अकबर अहमद ने जीत हासिल की. 1999 के लोकसभा चुनाव में रमाकांत यादव ने फिर से यह सीट बसपा से छीन ली और सपा का परचम फहराया. 2004 के लोकसभा चुनाव में रमाकांत यादव ने पाला बदल लिया और बसपा से चुनाव लड़ा. उन्हें जीत भी मिली. 2008 के उपचुनाव में अकबर अहमद ने बसपा से इस सीट से जीत हासिल की.
2009 में रमाकांत यादव बसपा छोड़कर बीजेपी में शामिल हो गए. पार्टी ने उन्हें टिकट दिया और वह जीतकर संसद पहुंचे. 2014 के लोकसभा चुनाव में मुलायम सिंह यादव ने इस सीट से पर्चा भरा. उधर, बीजेपी ने फिर से रमाकांत पर दांव आजमाया लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा था. अब अखिलेश यादव इस बार आजमगढ़ से चुनाव मैदान में हैं.
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