गोरखपुर से समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी राम भुआल निषाद ने शनिवार (30 मार्च) को ये दावा किया कि निषाद पार्टी प्रमुख संजय निषाद ने सपा-बसपा-रालोद गठबंधन इसलिए छोड़ा क्योंकि उन्हें भाजपा से कथित रूप से काफी पैसा दिया गया है. हालांकि, सपा प्रत्याशी के इस दावे को संजय निषाद के पुत्र प्रवीण निषाद ने सिरे से खारिज कर दिया.
संजय निषाद पर कड़ा प्रहार करते हुए सपा-बसपा-रालोद गठबंधन के प्रत्याशी राम भुआल निषाद ने कहा कि संजय निषाद ने केवल पैसे के लिये पाला बदला जो उन्हें भाजपा द्वारा दिया गया है. वह धोखेबाज है और समाज के सम्मान के लिए कभी नही लड़ सकते. गोरखपुर के वर्तमान सांसद प्रवीण निषाद ने कहा कि उन्होंने (सपा) ने मुझे अंधेरे में रखा, मुझसे कहा कि चुनाव की तैयारी करो और उसी समय राम भुआल निषाद को पार्टी का प्रत्याशी बना दिया. जहां तक भाजपा से पैसे लेने का आरोप राम भुआल निषाद लगा रहे हैं, वह पूरी तरह से आधारहीन है. उन्होंने दावा किया कि उनकी मांग, कि निषाद समुदाय को अनुसूचित जाति श्रेणी में शामिल किया जाए, को प्रदेश सरकार ने मान लिया है.
समाजवादी पार्टी (सपा) ने उत्तर प्रदेश की गोरखपुर तथा कानपुर लोकसभा सीटों के लिए शनिवार को अपने उम्मीदवारों के नाम का एलान कर दिया. वहीं, मुरादाबाद से अपना प्रत्याशी बदल दिया. सपा द्वारा शनिवार को जारी सूची के मुताबिक पार्टी ने गोरखपुर सीट से राम भुआल निषाद को टिकट दिया है.
निषाद गोरखपुर ग्रामीण विधानसभा बनने के पूर्व कौड़ीराम विधानसभा सीट से दो बार विधायक रहे हैं. वह वर्ष 2007 में बनी बसपा सरकार में मत्स्य राज्य मंत्री भी रह चुके हैं. निषाद का गोरखपुर और आसपास अपनी बिरादरी में खासा असर माना जाता है.
सपा ने यह निर्णय ऐसे वक्त लिया है जब पिछले दिनों ही पार्टी के समर्थन का एलान करने वाली निषाद पार्टी ने कुछ मतभेदों के कारण शुक्रवार रात उससे नाता तोड़ लिया. निषाद पार्टी के अध्यक्ष संजय निषाद के बेटे प्रवीण निषाद इस वक्त गोरखपुर से सांसद हैं, जो पिछले साल हुए उपचुनाव में सपा उम्मीदवार के तौर पर सपा-बसपा गठबंधन की मदद से जीते थे.
सपा ने मुरादाबाद से पूर्व में घोषित प्रत्याशी नासिर कुरैशी के स्थान पर अब एस.टी. हसन को उम्मीदवार बनाया है. इसके अलावा, सपा ने कानपुर सीट से राम कुमार को अपना प्रत्याशी बनाया है.
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