फिल्म ‘राम की जन्मभूमि’ का मामला दिल्ली हाई कोर्ट के बाद सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है. हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने फिल्म पर जल्द सुनवाई और रोक लगाने से इंकार कर दिया है. याचिकाकर्ता की दलील थी कि इस फिल्म के रिलीज होने से अयोध्या मामले की मध्यस्थता पर असर पड़ेगा. इसपर कोर्ट ने कहा कि हमें नहीं लगता कि इस फिल्म के रिलीज होने से मध्यस्था पर कोई असर पड़ेगा.सुप्रीम कोर्ट ने मामले की सुनवाई 2 हफ्ते के बाद तय की है. उधर, दिल्ली हाई कोर्ट में बुधवार को इस पूरे मामले को लेकर सुनवाई हुई थी. हाई कोर्ट में दायर याचिका में फिल्म पर पूरे तरीके से बैन लगाने की मांग की गई है. इसी पर सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा था कि अगर विचार और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को जिंदा रखना है तो लोगों को सहनशील बनना ही होगा.
याचिका में इस फिल्म से देश की एकता और अखंडता को भी ख़तरा बताया है, साथ ही उनका ये भी मानना है कि इस फिल्म के रिलीज होने से देश में सांप्रदायिक तनाव फैल सकता है.हाईकोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा था कि चाहे सही हो, या गलत हो, लेकिन विचार और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को बचाने के लिए जरूरी है कि लोग सहनशील बनें. तकी ने फिल्म के निर्माता और केंद्र को फिल्म रिलीज पर रोकने का निर्देश देने के लिए याचिका दायर की है. ‘राम की जन्मभूमि’ नाम की ये फ़िल्म शुक्रवार 29 मार्च को रिलीज होनी है.