पौड़ी गढ़वाल संसदीय सीट की भौगोलिक स्थिति का अंदाजा लगाना हो तो कॉर्बेट बाल पाठशाला स्थित पोलिंग बूथ पर नजर डाल दीजिए। मात्र 14 वोटर वाले इस मतदान केंद्र तक पहुंचने के लिए 14 कर्मियों को उत्तर प्रदेश से होते हुए 250 किमी की दूरी तय करनी होगी। अगर किसी कारण सड़क मार्ग बंद हो गया तो मतदान कर्मियों को पहले नाव और फिर हाथियों के जरिये मतदान केंद्र तक पहुंचाया जाएगा।
गढ़वाल संसदीय सीट का एक छोर जहां चीन की सीमा को छूता है, वहीं दूसरा तराई क्षेत्र तक फैला हुआ है। इसलिए मतदान कर्मियों को पोलिंग बूथ तक पहुंचने के लिए यहां दुर्गम पहाड़ियों पर भी चढ़ना पड़ेगा और नाव का सहारा भी लेना पड़ सकता है। कोटद्वार विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में पड़ने वाली कॉर्बेट बाल पाठशाला एक ऐसा ही बूथ है। यहां तक पहुंचने के लिए मतदान कर्मियों को लगभग 250 किमी की दूरी तय करनी पड़ेगी। वर्तमान व्यवस्था के तहत मतदान व सुरक्षाकर्मियों की 14 सदस्यीय टीम को उत्तर प्रदेश के नजीबाबाद, नगीना व धामपुर होते हुए पहले रामनगर पहुंचना है। यहां से उन्हें कॉर्बेट बाल पाठशाला पहुंचाया जाएगा।
इस बूथ पर एक महिला सहित 14 मतदाता हैं। सहायक निर्वाचन अधिकारी मनीष कुमार सिंह ने बताया कि वन महकमे के एसडीओ रैंक के एक अधिकारी को इस बूथ पर सेक्टर मजिस्ट्रेट बनाया गया है।
…तो नाव से होगा सफर
मतदान से पूर्व यदि किसी कारणवश कॉर्बेट बाल पाठशाला तक पहुंचने वाला सड़क मार्ग बंद हो जाता है तो ऐसी स्थिति में मतदान कर्मियों को कालागढ़ से रामगंगा बांध के रास्ते नाव से मतदान केंद्र पहुंचाया जाएगा। बांध से मतदान केंद्र तक पहुंचने के लिए टीम को हाथी की सवारी भी करनी पड़ सकती है।
बूथ में पिछले तीन चुनावों की स्थिति
चुनाव विधानसभा का हो या लोकसभा का, कॉर्बेट बाल पाठशाला में हमेशा पोलिंग बूथ बनाया जाता है। इस बूथ पर वर्ष 2012 के विस चुनाव में 20, वर्ष 2014 के लोस चुनाव में 19 और वर्ष 2017 के विस चुनाव में 13 मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया था।