छींकना किसी के लिए भी एक आम बात है। ये शरीर की एक सामान्य क्रिया है। कुछ लोगों को सर्दी-जुकाम के दौरान छींक आती है तो किसी को किसी तरह की एलर्जी से छींक आती है। लेकिन बहुत से लोग कुछ अजीब तरीके से छींकते हैं। हम सभी को बचपन से सिखाया जाता है कि छींकने के तुरंत बाद आप सॉरी या एक्सक्यूज मी बोलें, लेकिन हम कभी-कभी छींकने के बाद कहना भूल जाते हैं। हम आपको बताएंगे की किस तरह से हमें छींकना चाहिए, ताकि न तो हम बैक्टीरिया के कारण बीमार पड़ें और न ही आपके सामने वाला व्यक्ति जिसके सामने आपने छींका है वो बीमार पड़े।
हम सभी जानते हैं कि छींकने के लिए हर कोई पूरे वक्त रुमाल या टिशू पेपर लेकर नहीं चलता है। लेकिन अगर आप अपने हाथों में छींकते हैं तो आप दूसरों को बड़े आसानी से बीमार कर देते हैं। दरअसल, आप उसी हाथ से दरवाजा खोलते हैं, हाथ मिलाते हैं। इसके जरिए आपके हाथों के कीटाणु दूसरे व्यक्ति के संपर्क में आ जाते हैं।
अगर कोई अपने हाथों में छींकता है तो वो कीटाणुओं के लिए मौका बनाता है कि वो दूसरे व्यक्ति तक पहुंच सके, इसलिए जब भी आप छींकें तो अपने हाथों को तुरंत साफ करें। ताकि आपके साथ-साथ आपके आसपास के लोग भी स्वस्थ रह सकें।
अगर छींकने के वक्त आपके पास रुमाल या टिशू पेपर नहीं है तो आप अपने टीशर्ट व शर्ट के स्लीव में छींक सकते हैं। न कि अपने हथेलियों पर छींके। सबसे महत्वपूर्ण बात याद रखिए कि छींकने के बाद अपने हाथ जरूर धोएं।
छींकने का यह शिष्टाचार सीडीसी (रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र) द्वारा एक दशक से अधिक समय से जारी किया गया है। अगली बार जब आप अपने वायुमार्ग से एक लाख बैक्टीरिया को बाहर निकालने का आग्रह करते हैं, तो हम सुझाव देते हैं कि आप अपने हाथों का उपयोग न करें।