राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर यानी कि NRC का मुद्दा एक बार फिर गरमाया है. भले ही मोदी सरकार और भाजपा चुनावी भाषणों में डंके की चोट पर इस्तेमाल इसे करती रही हो, लेकिन सुप्रीम कोर्ट इस मसले पर सरकार के रवैये से संतुष्ट नहीं है और अदालत ने सरकार को इसके लिए फटकार लगा दी है.
सर्वोच्च अदालत ने इस मामले पर सरकार को फटकार लगाते हुए कहा है कि केंद्र सरकार एनआरसी का काम रोकने पर तुली हुई है. जबकि ऐसा नहीं होना चाहिए. प्राप्त मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक़, इस मामले को लेकर केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में यह अर्जी लगाई थी कि लोकसभा चुनाव के मद्देनजर सुरक्षाबलों की कमी है. अतः एनआरसी प्रक्रिया को दो सप्ताह तक रोकने की
बतया जा रहा है कि गृह मंत्रालय की इस अपील पर कोर्ट ने नाराजगी व्यक्त के और इस दौरान कहा कि ऐसा लगता है जैसे कि केंद्र एनआरसी के काम को रोकने पर तुला हुआ है. साथ ही अदालत ने यह भी साफ कर दिया है कि एनआरसी को अंतिम रूप देने के लिए 31 जुलाई की जो समय-सीमा है, उसे नहीं बढ़ाया जाएगा. दूसरी ओर इस पर राजनाथ सिंह ने कहा कि सरकार तय समय-सीमा के अंदर एनआरसी की प्रक्रिया पूरी करने के लिए हरसंभव प्रायसरत है.