बीड़ी पीने से देश को करीब 80 हजार करोड़ रुपये का नुकसान उठाना पड़ता है. टोबैको कंट्रोल नामक जर्नल में प्रकाशित रिसर्च के मुताबिक, बीड़ी से स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचता है और लोगों को समय से पहले मौत का सामना करना पड़ता है.
आईएएनएस के मुताबिक, बीड़ी से होने वाला नुकसान देश में स्वास्थ्य पर होने वाले कुल खर्च का दो फीसदी है. रिपोर्ट में कहा गया है- ‘सीधे तौर पर बीमारी की जांच, दवाई, डॉक्टरों की फीस, अस्पताल, परिवहन पर होने वाला खर्च और परोक्ष खर्च में रिश्तेदारों का समायोजन व परिवार की आय को होने वाला नुकसान इसमें शामिल है.
आपको बता दें कि देश में बीड़ी काफी प्रचलित है. बीड़ी पीने वाले 15 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों की तादाद 7.2 करोड़ है. वहीं, रिसर्च के अनुसार, बीड़ी से 2016-17 में सिर्फ 4.17 अरब रुपए का राजस्व प्राप्त हुआ था. 2017 के इस रिसर्च में स्वास्थ्य सेवा खर्च पर राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण और ग्लोबल एडल्ट टोबैको सर्वे के आंकड़ों को शामिल किया गया.
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रिपोर्ट के लेखक और केरल के कोच्चि स्थित पब्लिक पॉलिसी रिसर्च सेंटर से जुड़े रिजो एम. जॉन ने कहा है- ‘भारत में पांच में से करीब एक परिवार को इस विनाशकारी खर्च का सामना करना पड़ रहा है. तंबाकू और उससे शरीर को होने वाले नुकसान पर हो रहे खर्च के कारण करीब 1.5 करोड़ लोग गरीबी के हालात से गुजर रहे हैं. खासतौर से गरीब लोग भोजन और शिक्षा का खर्च वहन नहीं कर पा रहे हैं.’