उरी हमले के बाद देश के रखवाले भारतीय सेना बेहद गुस्से में हैं। उन्होंने कहा है वो हमले का बदला अपने तरीके से लेना चाहते हैं| परमवीर चक्र विजेता कैप्टन बाना सिंह उड़ी हमले को लेकर काफी गुस्से में हैं। उनका कहना है कि यदि ऐसे ही चलता रहा तो देश नहीं बचेगा।
भारतीय सेना ने कहा अब नरमी से नहीं बनेगी बात
अब बात नरमी से नहीं बनेगी। सरकार के ढीले रवैये के कारण इस प्रकार की घटनाएं हो रहीं हैं। सरकार को अपनी दोहरी नीति बदलनी होगी।
पाकिस्तान सीमा से तीन किलोमीटर दूर अंतरराष्ट्रीय सीमा पर कत्याल गांव के रहने वाले बाना सिंह कहते हैं कि आतंकियों ने फिदायीन हमले का प्लान पहले से बना रखा होगा। एक आतंकी ही कई जवानों को मार सकता था क्योंकि वह पूरी तरह लैस होकर मरने की नीयत से पहुंचा था। उनके पास पूरी सूचना थी कि यूनिट का चार्ज बदलने वाला है। ऐसे में हमला करना आसान होगा।
पाकिस्तान दोस्ती नहीं चाहता
बाना ने कहा कि भारत तो पड़ोसी के साथ दोस्ती रखना चाहता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसके लिए प्रयास भी किए और पाकिस्तान तक चले गए। लेकिन, लगता है कि वह दोस्ती की भाषा नहीं समझना चाहता है। उसके साथ सख्ती की जानी चाहिए। इसके लिए चाहे जो कदम उठाना पड़ें।
पैदल जाकर काट लेंगे गर्दन
बाना सिंह का कहना है कि देश के पास ताकत है। यदि प्रधानमंत्री हुक्म दें तो सिविलियन और एक्स-सर्विसमैन पैदल चलकर पाकिस्तान पहुंचेंगे और उसकी गर्दन काट लेंगे। मैं भी चलने को तैयार हूं। चूड़ियां नहीं पहन रखी हैं। बार्डर से तीन किलोमीटर दूर गांव में निर्भीक होकर रहते हैं।