अमेरिका के एक प्रभावशाली सांसद का कहना है कि ट्रम्प प्रशासन का ‘कंट्री ऑफ पर्टिकुलर कन्सर्न’ (सीपीसी) के तहत पाकिस्तान की निंदा करने का कदम साहसपूर्ण है. संसद के वैश्विक मानवाधिकार उपसमिती के अध्यक्ष क्रिस स्मिथ ने कहा, ‘‘इस प्रशासन ने धार्मिक अल्पसंख्यक नागरिकों और मानवाधिकारों की रक्षा के लिए पाकिस्तान को लगातार एवं क्रमबद्ध विफलताओं के लिए जिम्मेदार ठहराया है.’’
उन्होंने कहा, ‘‘यह दर्जा शिया, ईसाई, हिन्दू, अहमदी और अन्य अल्पसंख्यक पीड़ित लोगों के लिए उम्मीद जगाता है, जिनकी मौजूदगी से पाकिस्तान में धार्मिक कट्टरपंथ को चुनौती मिलती है.’’
स्मिथ ने ट्रम्प प्रशासन के इस दिशा में उठाए कदम का स्वागत किया. इससे पहले अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने पाकिस्तान, चीन, सऊदी अरब, म्यामां, इरित्रिया, ईरान, उत्तर कोरिया, सूडान, तजाकिस्तान और तुर्कमेनिस्तान को कांग्रेस की वार्षिक रिपोर्ट के तहत सीपीसी का दर्जा दिया था.