हमले के पीछे सीमा पार की ताकतों का हाथ हो सकता है। हमले में 3 तीनों की मौत हो गई थी और 21 से ज्यादा लोग जख्मी हुए थे। निरंकारी भवन में हुए आतंकी हमले में इस्तेमाल हैंड ग्रेनेड पाकिस्तानी आर्मी ऑर्डिनेंस फैक्टरी में बना था। इस एचजी-84 ग्रेनेड का इस्तेमाल पाक आर्मी करती है। यह खुलासा पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने सोमवार को किया।
अमरिंदर सिंह ने कहा कि हमले के पीछे पाकिस्तानी एजेंसियां और वहां बैठे खालिस्तानी समर्थक आतंकियों का हाथ हो सकता है। आईएसआई से मदद पाने वाले खालिस्तानी या कश्मीरी टेरेरिस्ट ग्रुप का मकसद इस तरह का हमला कर आतंक फैलाना है। 31 अक्टूबर को पटियाला से पकड़े गए खालिस्तान गदर फोर्स के आतंकी शबनमदीप से भी ऐसा ही ग्रेनेड मिला था। कैप्टन सोमवार दोपहर बाद 3:08 बजे अदलीवाल रोड स्थित निरंकारी भवन का जायजा लेने पहुंचे थे। कैप्टन के पहुंचने से पहले ही वहां मौजूद एनआईए की तीन सदस्यीय टीम ने उन्हें ग्रेनेड के टुकड़े भी दिखाए।
कैसे किया था हमला : अमृतसर एयरपोर्ट से मात्र तीन किलोमीटर दूर राजासांसी में अदलीवाल गांव रोड पर स्थित सत्संग भवन पर रविवार सुबह 11:15 ग्रेनेड से हमला किया गया था। काले रंग की बिना नंबर पल्सर पर सवार दो नकाबपोश भवन में घुसे और स्टेज पर बैठे लोगों की तरफ ग्रेनेड फेंककर भाग निकले। उस वक्त सत्संग में करीब 200 लोग मौजूद थे। हमले में तीन लोगों की मौत हो गई। इनमें 17 साल का संदीप भी शामिल था। वहीं, 21 से ज्यादा लोग जख्मी हो गए।
पल्सर 220 सीसी बाइक के फ्यूल टैंक की कैपेसिटी 15 लीटर होती है। बाइक की एवरेज 30 से 32 किमी है। आशंका है कि हमले से पहले या बाद में इन्होंने किसी पंप से पेट्रोल जरूर डलवाया हाेगा। खुफिया एजेंसियां इस थ्योरी पर भी काम कर रही हैं।
पुलिस ने खालिस्तान गदर फोर्स के सदस्य शबनमदीप सिंह के साथी जतिंद्र सिंह उर्फ बिंदर को दिड़बा से पकड़ा है। आरोप है कि वह भी पंजाब, राजस्थान और हरियाणा में दहशत फैलाने वाली कई घटनाओं समेत देश विरोधी गतिविधियों में शामिल रहा है।
पीड़ित परिवारों को नौकरी देने का ऐलान : कैप्टन ने हमले में मरने वालों के परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने का भी ऐलान किया। इसके अलावा हमलावरों का सुराग देने वालों को 50 लाख रुपए देने का भी ऐलान किया।