चीन से पाकिस्तान वो सुपरसोनिक मिसाइल खरीद सकता है जिसके बारे में कहा जा रहा है कि किफायती होने के साथ-साथ ये भारत और रूस के साझा प्रयास से विकसित ब्रह्मोस मिसाइल से बेहतर है. इस बात का जिक्र चीन की सरकारी मीडिया ने किया है. चीन द्वारा पाकिस्तान के साथ सबसे बड़ा ड्रोन सौदा करने का एलान करने के आद ग्लोबल टाइम्स की रिपोर्ट में कहा गया है कि एचडी-1 बाकी के सुपरसोनिक मिसाइलों की तरह नहीं है, क्योंकि इसमें ईंधन की जरूरत कम होती है और इसकी उड़ान बहुत तेजी और लंबी दूरी की होती है.
सौदे के मुताबिक चीन-पाकिस्तान को 48 ड्रोन मुहैया कराएगा. बताते चलें कि बीजिंग द्वारा इस्लामाबाद को सबसे ज्यादा हथियारों की आपूर्ति की जाती है. मिसाइल के सफल परीक्षण के मौके पर चीन के एक सैन्य विशेषज्ञ ने कहा कि एचडी-1 का मुकाबला हथियारों के अंतर्राष्ट्रीय बाजार में बहुत कम है. मिसाइल को दक्षिणी चीन की कंपनी गुआंगदोंग होंग्दा ब्लास्टिंग ने बनाया है.
ग्लोबल टाइम्स ने कंपनी के हवाले से बताया कि उत्तर चीन में मिसाइल का परीक्षण किया गया. बयान के मुताबिक सुपरसोनिक मिसाइल के सभी मानक अपनी जगह खरा साबित हुए थे. बीजिंग के सैन्य विश्लेषक वेई दोंग्क्सू ने कहा कि एचडी-1 के उच्च ठोस ईंधन रैमजेट में इसके प्रतिस्पर्धी मिसाइलों की तुलना में कम ईंधन की आवश्यकता होती है, जबकि यह उनसे तेज उड़ान भरने में समर्थ है और दूरी भी ज्यादा तय करती है.
उन्होंने कहा, “पाकिस्तान और मध्य-पूर्व के देश सुपरसोनिक की चाल से मिसाइल रोधी तंत्र को तोड़ने में समर्थ इस मिसाइल में दिलचस्पी ले सकते हैं.” उन्होंने कहा कि ब्रह्मोस ज्यादा खर्चीली और कम उपयोगी सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल है, जिसे भारत और रूस ने विकसित किया है.
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