जापान एशिया महाद्वीप में स्थित देश एक प्रमुख है. यह देश चार बड़े और अनेक छोटे द्वीपों से मिलकर बना हुआ है. आइए जानते हैं इस देश से जुड़ी दिलचस्प बातें...
काम के दौरान ले सकते हैं नींद
जापान की ज्यादातर कंपनियां अपने कर्मचारियों को काम के दौरान झपकी लेने की अनुमति देती हैं. यहां ऑफिस में काम करते-करते सो जाना बुरा नहीं माना जाता. द गार्जियन की एक रिपोर्ट के मुताबिक यहां ज्यादा से ज्यादा कंपनियां अपने कर्मचारियों को यह सुविधा दे रही हैं. इनका मानना है कि इससे उनका काम बेहतर होता है.
बच्चों को रुलाने की स्पर्धा
सुमो रेसलर को अक्सर आप ने रिंग में दो-दो हाथ करते देखा होगा, लेकिन यहां उन्हें उससे भी मुश्किल टास्क करना पड़ता है और वो है बच्चो को रुलाना. दरअसल जापान में ‘क्राइंग सुमो’ स्पर्धा होती है. यहां दो सुमो एक दूसरे के सामने बच्चों को पकड़कर खड़े होते हैं. इस स्पर्धा में जो पहले बच्चे को रुलाने में कामयाब होगा, वह विजेता होता है.
यहां वेटर को टिप न दें
जापान में होटल के वेटर को टिप देना बुरा माना जाता है. वेटर को टिप देना उनका अपमान समझा जाता है. जापान टुडे के अनुसार यहां के कई होटल बिल पर लिखकर ग्राहकों को हिदायत देते हैं कि वह वेटरों को टिप न दें.
साइबर कैफे में भी रहते हैं लोग
जापान में मैकडी रेस्टोरेंट ही नहीं, बल्कि लोग यहां साइबर कैफे में भी सोते हैं. डेली मेल की एक रिपोर्ट के अनुसार यहां साइबर कैफे में रहना किराये पर घर लेने से काफी सस्ता पड़ता है. इसी वजह से यहां के साइबर कैफे भी डे एंड नाइट पैकेज देते हैं. नेट कैफे में बड़े-बड़े केबिन बने होते हैं. इसमें इतनी जगह तो हो ही जाती है, जहां एक व्यक्ति सो भी सकता है.
काम करने की वजह से मौत
जापान में ‘कारोशी’ एक ऐसा शब्द है, जिससे शायद ही दुनिया वाकिफ हो. इसका मतलब होता है हद से ज्यादा काम करने की वजह से मौत होना. जापानी सरकार की 2016 की एक रिपोर्ट के मुताबिक हर 5 कर्मचारियों में से 1 की ऑफिस में ज्यादा काम करने की वजह से मौत होने की आशंका है. दरअसल यहां लोग एक महीने में 105 घंटों से ज्यादा काम करते हैं.
आप McDonald में खाते हैं, यहां लोग सोते हैं
आप भले ही मैकडी में बर्गर या अन्य फास्ट फूड खाने जाते हैं, लेकिन जापान में कुछ लोग मैकडी रेस्टोरेंट में ही सोते हैं. बीबीसी के मुताबिक यहां मैकडी की ओपन डुअर पॉलिसी है. ऐसे में जिनके पास घर नहीं होता या फिर जो किराए पर कमरा नहीं ले पाते, वह इन रेस्टोरेंट में ही सो जाते हैं. इन्हें मैकरिफ्यूजी कहा जाता है.
टाइटैनिक हादसे में बचना हुआ श्राप
जापान के मासबुमी होसोनो 1912 में हुए टाइटैनिक जहाज हादसे में बच गए थे और आगे जाकर यही वजह उनके लिए मुसीबत बनी. जब होसोनो वापस अपने देश लौटे तो उन्हें लोगों ने कायर करार दिया. उनका मानना था कि वह एक सिविल सर्वेंट थे और उन्हें भी उस हादसे में लोगों को बचाते-बचाते मर जाना चाहिए था. हालांकि सालों बाद यहां की सरकार ने इन्हें सम्मानित किया और एक म्यूजियम इनके नाम से शुरू किया गया है.
100 साल से ज्यादा है इनकी उम्र
जापान में सबसे ज्यादा उम्रदराज लोग हैं. द वॉल स्ट्रीट जर्नल के मुताबिक यहां 50 हजार ऐसे लोग हैं, जिनकी उम्र 100 साल से ज्यादा है.
गोडजिला यहां का नागरिक है
आपने भले ही गोडजिला के नाम की फिल्म देखी हो, लेकिन जापान में ये बाकायदा यहां का नागरिक है. बीबीसी के मुताबिक गोडजिला को टोक्यो को शिंजुकु शहर ने नागरिकता दी है. अगर आप कभी इस नागरिक के पते पर पहुंचना चाहें, तो शिंजुकु-कु स्थित काबुकी-चो, 1-19-1 पर पहुंच जाइएगा. हालांकि नागरिकता देने का कारण सिर्फ इतना है कि एंटरटनेमेंट को बढ़ावा दिया जाए और पर्यटक आएं.