पाकिस्तान सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को सूचित किया कि पाकिस्तानी नागरिकों की संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) में 150 बिलियन डॉलर से अधिक की संपत्ति है। डॉन के अनुसार, मामले में चार्टर्ड अकाउंटेंसी फर्म एएफ फरगुसन द्वारा दिए गए एक रिपोर्ट को कोर्ट में पेश किया गया।
चीफ जस्टिस मियां साकिब निसार ने कोर्ट में चल रही कार्यवाही के दौरान सवाल किया, ‘एमनेस्टी स्कीम के बावजूद ऐसा बड़ा अमाउंट अभी भी विदेशों में है?’ इसपर स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान के गर्वनर तारिक बाजवा ने फंड को रिकवर करने के क्रम में लिए गए स्टेप का वर्णन किया।
बाजवा ने कहा, ‘125 लोगों को नोटिस जारी किए गए हैं जिनकी संपत्ति यूएई में है। यदि वे हलफनामा लिखते हैं कि पाकिस्तान के बाहर उनकी संपत्ति है तो हम उनसे पूछताछ करेंगे और उनपर टैक्स लगाएंगे। लेकिन यदि वे इससे इंकार करते हैं तब हम यूएई सरकार से मदद ले सकते हैं और बेनामी संपत्ति कानून के तहत इनपर कार्रवाई करने को कहेंगे।’ उन्होंने आगे कहा कि नेशनल अकाउंटैबिलिटी ब्यूरो (नैब) और फेडरल इंवेस्टीगेशन एजेंसी (एफआइए) समेत अन्य एजेंसियों से भी उन्होंने समर्थन देने को कहा है।