भारतीय एथलेटिक्स महासंघ (एएफआई) ने एशियन गेम्स में चार गुणा 400 मीटर दौड़ के दौरान हिमा दास को बाधा पहुंचाने के लिए बहरीन के खिलाफ विरोध दर्ज कराया. भारत इस स्पर्धा में दूसरे स्थान पर रहा, क्योंकि एमआर पूवम्मा 30 मीटर की बढ़त का फायदा उठाने में नाकाम रहीं.
भारत ने अपना विरोध अपीली ज्यूरी के पास दर्ज कराया है, जो बुधवार को अपना फैसला सुनाएगी. मोहम्मद अनस, एमआर पूवम्मा, हिमा दास और आरोकिया राजीव की चौकड़ी ने तीन मिनट 15.71 सेकेंड के समय के साथ रजत पदक जीता.
बहरीन ने तीन मिनट 11.89 सेकेंड के साथ स्वर्ण, जबकि कजाखस्तान ने तीन मिनट 19.52 सेकेंड के साथ कांस्य पदक जीता. एएफआई अध्यक्ष आदिल सुमरिवाला ने पीटीआई से कहा, ‘यह स्पष्ट बाधा थी और हमने विरोध दर्ज करा दिया है. इससे हिमा को हल्की चोट भी आई है. इससे हमारा कुछ समय बर्बाद हुआ. ज्यूरी देखेगी की वहां क्या हुआ था.’
अनस ने बहुत अच्छी शुरुआत की और बहरीन के अपने प्रतिद्वंद्वी पर 30 मीटर की बढ़त हासिल की. उन्होंने इसके बाद पूवम्मा को बैटन सौंपी लेकिन कर्नाटक की यह एथलीट अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाई और उन्होंने बढ़त गंवा दी. जब उन्होंने हिमा को बैटन सौंपी तब तक बहरीन ने अच्छी बढ़त हासिल कर ली थी.
हिमा को बैटन हासिल करने के बाद अपनी लेन बदलनी थी, लेकिन बहरीन की ओलुवाकेमी आदेकोया अपनी साथी सलवा नासिर को बैटन सौंपने के बाद भारतीय एथलीट के आगे गिर गई, जिससे उन्हें बाधा पहुंची.
हिमा ने कहा, ‘मुझे उसे पार करने के लिए उसके ऊपर से कूद लगानी पड़ी और मुझे लगा कि दूसरी लेन में जाकर मैंने फाउल कर दिया है. यह बात मेरे दिमाग में घूमती रही. मैं नहीं जानती कि उसने अपना संतुलन खोया या वह जानबूझकर मेरे आगे गिरी.’
बहरीन की बढ़त को हिमा कम नहीं कर पाई और तरह से आरोकिया के पास 50 मीटर की बढ़त को पाटने का असंभव काम आ गया था. आखिर में भारत ने तीन मिनट 15.71 सेकेंड के साथ दूसर स्थान हासिल किया जो कि बहरीन से लगभग चार सेकेंड कम था.