टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज (TISS) के ऑडिट रिपोर्ट के बाद मलाला फंड की ओर से सखी और नारी गुंजन नामक दो संस्थानों को दिए जाने वाले अनुदान तत्काल प्रभाव से रोक दिया गया है।
रॉयल ने आगे बताया कि मलाला फंड की बाल संरक्षण नीति स्पष्ट रूप से बच्चों के किसी भी नुकसान या शोषण को प्रतिबंधित करती है जिसपर दोनों संस्थानों ने हस्ताक्षर किए थे। राज्य सरकार ने वर्ष 2017 में TISS द्वारा ऑडिट कराया था और इसकी रिपोर्ट 2018 के अप्रैल में सोशल वेलफेयर डिपार्टमेंट को सौंपा गया। रिपोर्ट के अनुसार, सखी संस्थान में विशेषकर मानसिक तौर पर बीमार महिलाओं और लड़कियों को शारीरिक हिंसा का शिकार बनाया गया। TISS रिपोर्ट में आगे तीन एजेंसियों- पटना का नारी गुंजन, मधुबनी का RVESK और कैमूर का ज्ञान भारती का जिक्र किया गया जो बदतर हालात में पाए गए।