राम भक्त हनुमान जी की शरण में जो व्यक्ति आ जाता है, उसके सारे दुख-दर्द दूर हो जाते हैं। उसके ऊपर प्रभु श्रीराम और भोलेनाथ की कृपा भी हो जाती है। तभी तो लगभग हर मंदिर और घर में हनुमान जी की प्रतिमा या चित्रपट देखने को मिलता है। घर में स्थापित की गई देवी-देवताओं की प्रतिमाएं चमत्कारी प्रभाव देती हैं इसलिए शास्त्रों में प्रतिमाओं और चित्रपटों के लिए बहुत से महत्वपूर्ण नियम बनाएं गए हैं। वास्तुशास्त्र के अनुसार घर में देवी-देवताओं के चित्रों को लगाने से सभी परेशानियां दूर होती हैं और घर में सुख-शांति बनी रहती है। हनुमान जी के चित्रपट का महत्व ध्यान में रखते हुए वास्तु में कई नियम बताए गए हैं जैसे-
शास्त्रों के अनुसार हनुमान जी बाल ब्रह्मचारी हैं और इसी वजह से उनका चित्रपट बेडरूम में न रखकर घर के मंदिर में या किसी अन्य पवित्र स्थान पर रखना शुभ रहता है।
वास्तु शास्त्रियों के अनुसार हनुमान जी का चित्र दक्षिण दिशा की ओर देखते हुए लगाना चाहिए क्योंकि हनुमान जी ने अपना प्रभाव अत्यधिक इसी दिशा में दिखाया है जैसे लंका दक्षिण में है, सीता माता की खोज दक्षिण से आरंभ हुई, लंका दहन और राम-रावण का युद्ध भी इसी दिशा में हुआ। दक्षिण दिशा में हनुमान जी विशेष बलशाली हैं।
इसी प्रकार से उत्तर दिशा में हनुमान जी का चित्रपट लगाने पर दक्षिण दिशा से आने वाली प्रत्येक नकारात्मक शक्ति को हनुमान जी रोक देते हैं। वास्तुनुसार इससे घर में सुख और समृद्धि का समावेश होता है और दक्षिण दिशा से आने वाली हर बुरी ताकत को हनुमान जी रोक देते हैं।
जिस रूप में हनुमान जी अपनी शक्ति का प्रदर्शन कर रहे हों ऐसे चित्रपट को घर में लगाने से किसी भी तरह की बुरी शक्ति प्रवेश असंभव है।
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