साइरस मिस्त्री को टाटा संस के चेयरमैन के पद से हटाए जाने के बाद शुरू हुए विवाद को लेकर आज नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) फैसला सुनाएगा. साइरस मिस्त्री को चेयरमैन पद से हटाया जाना सही था या गलत और हटाने की प्रक्रिया में नियमों का पालन किया गया या नहीं, इसको लेकर सोमवार को एनसीएलटी का फैसला आएगा.
शापूरजी पलोनजी ग्रुप की दो कंपनी साइरस इन्वेस्टमेंट और स्टर्लिंग इन्वेस्टमेंट कॉरपोरेशन ने टाटा ट्रस्ट और टाटा संस के निदेशकों के खिलाफ याचिका दाखिल की थी. इनमें टाटा संस पर अनियमितता बरतने का आरोप लगाया गया है. इसमें आरोप लगाया था कि टाटा संस के निदेशकों ने आर्टिकल ऑफ एसोसिएशन और प्रबंधन व नैतिक मूल्यों का उल्लंघन किया.
टाटा संस के बोर्ड ने 24 अक्टूबर, 2016 को साइरस मिस्त्री को चेयरमैन पद से हटा दिया था. इसके साथ ही उन्होंने साइरस को ग्रुप की अन्य कंपनियों से भी बाहर निकलने के लिए कहा था. इसके बाद साइरस ने ग्रुप की 6 कंपनियों के बोर्ड से अपना इस्तीफा दिया. हालांकि इसके साथ ही उन्होंने टाटा संस और रतन टाटा को एनसीएलटी में घसीटा.
याचिका में आरोप लगाया गया था कि मिस्त्री को चेयरमैन पद से हटाने का काम ग्रुप के कुछ प्रमोटर्स ने किया. उनका इस्तीफा इनके उत्पीड़न की वजह से था. याचिका के दूसरे हिस्से में आरोप लगाया गया है कि ग्रुप और रतन टाटा के अव्यवस्थित प्रबंधन की वजह से ग्रुप को आय का काफी ज्यादा नुकसान हुआ.
इससे पहले उम्मीद थी कि एनसीएलटी की मुंबई स्थित विशेष पीठ 4 जुलाई को फैसला सुनाएगी. हालांकि फैसला तैयार न होने की वजह से ऐसा हो नहीं पाया. अब आज ट्रिब्यूनल अपना फैसला सुनाएगा.