अदालतों से जारी होने वाले समन, वारंट और नोटिस अब ई-मेल, वाट्सएप और मैसेज के जरिये भी तामील हो सकेंगे। जनपद न्यायाधीश आरके गौतम द्वारा दिए एक आदेश के बाद कानपुर का पहला वाट्सएप समन एक पक्षकार को तामील भी कराया गया। ऐसा होने से पक्षकारों के हाजिर होने में लगने वाला वक्त कम हो जाएगा और सुनवाई जल्द शुरू हो सकेगी। पक्षकार भी तामीली से इंकार नहीं कर सकेंगे।
इस मामले में हुआ आदेश
विजय नगर निवासी नारायन दत्त त्रिपाठी ने एचडीएफसी बैंक से जनवरी 2014 में लोन लिया था। इस मामले में आर्बीटेशन हुआ तो अवार्ड पारित हो गया। इस अवार्ड की धनराशि के लिए एचडीएफसी ने जनपद न्यायाधीश के न्यायालय में वसूली के लिए प्रार्थना पत्र दाखिल किया। यहां से समन तामील किया गया। चूंकि पक्षकारों को समन तामील होने में काफी वक्त लगता इसलिए न्यायालय में सुप्रीम कोर्ट के दिशा निर्देशों का हवाला देते हुए सोशल मीडिया के माध्यम से समन तामील करने का प्रार्थना पत्र दिया गया। पूर्व डीजीसी सिविल पीयूष शुक्ल ने बताया कि जनपद न्यायाधीश ने इस बाबत आदेश जारी कर दिए। विपक्षी पक्ष को वाट्सएप से समन तामील भी हो गया।
समन तामील होने में लगता वक्त
दरअसल सिविल के साथ ही फौजदारी के मामलों में समन, वारंट तामील कराना सबसे बड़ा काम है। समन, वारंट तामील होने में अधिक समय लगने से सुनवाई प्रभावित होती है। पूर्व डीजीसी सिविल बताते हैं कि इस आदेश के बाद समन तामीली में लगने वाला वक्त खत्म हो जाएगा और सुनवाई जल्द शुरू हो सकेगी। उन्होंने बताया कि रूटीन में जैसे समन वारंट भेजे जा रहे हैं, वह उसी तरह भेजे जाते रहेंगे।
वादी, प्रतिवादी सभी कर सकेंगे पैरवी
पूर्व डीजीसी बताते हैं कि इस आदेश का लाभ वादी के साथ प्रतिवादी को भी मिलेगा। दोनों ही नोटिस का तामील इस माध्यम से करा सकेंगे। उनके अधिवक्ताओं को भी समन तामील कराने का अधिकार होगा।