प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार सड़कों पर बढ़ती दुर्घटनाओं को लेकर बेहद गंभीर है। प्रदेश सरकार ने आज कैबिनेट बैठक में भी हाई-वे पर ट्रैफिक मैनेजमेंट लागू करने के निर्णय पर मुहर लगा दी।
लोकभवन में आज मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में संपन्न कैबिनेट की बैठक में कुल नौ फैसले किये गए। बैठक में लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस-वे पर बेहतर यातायात प्रबंधन के लिए एडवांस मैनेजमेंट ट्रैफिक कंट्रोल सिस्टम लागू करने के प्रस्ताव को मंजूरी मिली है। इससे न केवल दुर्घटना रोकने में सहूलियत मिलेगी बल्कि आपात स्थिति में फंसे लोगों को सहायता भी मुहैया कराई जा सकेगी।
राज्य सरकार के प्रवक्ता और स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने बताया कि एडवांस ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम लागू करने को फिलहाल 30 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। इसमें सीसीटीवी कैमरे लगाये जाएंगे और आटोमेटिक काउंटर बनेगा। गति सीमा पर निगरानी के लिए कैमरे भी लगाए जाएंगे। जो वाहन गति सीमा का उल्लंघन करेंगे, उसके लिए ऑटोमेटिक नंबर प्लेट रीडर कैमरे लगेंगे। सिद्धार्थनाथ ने बताया कि एक्सप्रेस-वे पर पांच जगह नंबर प्लेट रीडिंग का सिस्टम लगेगा। जिस वाहन की हाई स्पीड होगी, उसे अलर्ट कर रोका जाएगा।
यह सिस्टम लागू होने से दुर्घटना पर रोक लगेगी। यात्रियों को आगे के रास्ते पर बदलते मौसम की भी जानकारी मिलेगी। एक्सप्रेस-वे पर आप्टिकल फाइबर केबिल का जाल बिछाने की भी तैयारी है। एक्सप्रेस-वे पर एक कंट्रोल सेंटर भी स्थापित होगा। यह सेंटर करीब तीन सौ किलोमीटर लंबे एक्सप्रेस-वे में छह स्थानों पर लगने वाले मीटिरियालोजिकल स्टेशन से जुड़ा रहेगा। ये स्टेशन तापमान, मौसम, हवा की गति व दबाव आदि कंट्रोल रूम को भेजेंगे जिसे रास्ते में लगे मैसेज साइन बोर्ड के जरिये प्रदर्शित किया जाएगा। यह स्टेशन सड़क का तापमान भी बताएगा, जिससे गति नियंत्रित कर वाहनों के टायर फटने से बचा जा सकेगा। एक्सप्रेस-वे पर इमरजेंसी कॉल बॉक्स भी लगाए जाएंगे। रास्ते में कोई भी अनहोनी होने पर यात्री इसके जरिए कंट्रोल सेंटर को फोन करके तुरंत मदद मांग सकेंगे।