भगवान श्री गणेश जिनके बारे में कहा जाता है कि ये प्रथम पूज्य हैं और शिव के गणों के अधिपति हैं। इनकी कृपा से भगवान शिव भी आपका कार्य सिद्ध कर देते हैं। किसी भी शुभ कार्य को प्रारम्भ करने के पूर्व श्री गणेश का पूजन किया जाता है। शाश्त्रो में कहा गया है की शुभ कार्य को सफल बनाने के लिए सर्वप्रथम श्री गणेश की आराधना करना चाहिए। ताकि वह कार्य के बीच आने वाले सभी विघ्न हर ले।
श्री गणेश को विघ्नहर्ता तभी तो कहा जाता है। कई बार श्री गणेश को देखने पर उनके असली सिर के बारे में चिंतन होता है। आज हम आपको हजारो वर्ष पुराना राज बताने जा रहे जिसमे ज्ञात होगा की आखिर कहा है श्री गणेश का सर?
पुराणो के अनुसार यह सत्य काफी आश्चर्य चकित करने वाला है। पुराणो के अनुसार भगवन गणेश का सिर आज भी एक गुफा में रखा है, जो पाताल भुवनेश्वर में स्थित है। आज भी उस स्थान पर भगवन गणेश का मस्तक रखा हुआ है। भगवान के सिर की जानकारी पुराणो में की गई है। पाताल भुवनेश्वर नामक गुफा में भगवान गणेश का मस्तक रखा है साथ ही उस स्थान पर केदारनाथ, बद्रीनाथ और अमरनाथ के दर्शन किए जा सकते हैं। उस गुफा में बने दृश्य इस तरह लगते है मानो जैसे सब प्राकतिक बना हो। पाताल भुवनेश्वर वाकई किसी स्वर्ग से कम नहीं। यह गुफा उत्तराखंड में स्थित है। पाताल भुवनेश्वर का एक एक सच सभी को हैरान करने वाला है।