उत्तर प्रदेश की कैराना लोकसभा सीट और नूरपूर विधानसभा सीट के लिए उप चुनाव 28 मई को होंगे. चुनाव कार्यालय के प्रवक्ता ने बताया कि दोनो सीटों पर मतगणना 31 मई को होगी. चुनाव के लिए अधिसूचना तीन मई को जारी की जाएगी और 10 मई तक पर्चा दाखिल किया जा सकेगा. नामांकन पत्रों की जांच अगले दिन 11 मई को होगी जबकि नाम वापसी की अंतिम तिथि 14 मई निर्धारित की गई है .कैराना लोकसभा सीट बीजेपी के सांसद हुकुम सिंह के फरवरी में हुए निधन के कारण खाली हुई है जबकि नूरपूर विधानसभा सीट बीजेपी विधायक लोकेंद्र सिंह चौहान की फरवरी में ही सड़क हादासे में मौत के कारण खाली हुई है .
उत्तर प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी वेंकटेश्वर लू कल सहारनपुर और शामली जिलों का दौरा करेंगे जहां वह चुनाव की तैयारियों के बारे में अधिकारियों से विचार विमर्श करेंगे .कैराना लोकसभा सीट में पांच विधानसभाएं आती हैं इसमें से तीन शामली जिले में है जबकि दो सहारनपुर जिले में है . चुनाव आयोग पांच विधानसभा क्षेत्रों में 883 मतदान केंद्र तैयार करेगा. उपचुनाव में सात लाख 36 हजार 420 महिला मतदाताओं सहित कुल 16 लाख नौ हजार 580 मतदाता अपने मताधिकार का इस्तेमाल करेंगे .
भाजपा, सपा,रालोद और कांग्रेस ने चुनावी तैयारियां शुरू कर दी है . सपा के प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम ने गुरुवार को कैराना का दौरा किया था और पार्टी कार्यकर्ताओं से चुनाव के लिए तैयार रहने को कहा था. भाजपा के मंत्री और नेता भी लगातार कैराना का दौरा कर रहे है.
उपचुनाव में साथ आए थे सपा-बसपा
गौरतलब है कि गोरखपुर और फूलपुर उप चुनावों में समाजवादी पार्टी (सपा) की जीत में बड़ी भूमिका निभाने वाली बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की प्रमुख मायावती पहले ही कह चुकी हैं कि बसपा भविष्य में इस तरह की ‘सक्रिय भूमिका’ नहीं निभाएगी. उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री ने अपने पार्टी नेताओं, पदाधिकारियों और विधायकों से कहा कि वह कैराना संसदीय निर्वाचन क्षेत्र के उप चुनाव में गोरखपुर की तरह का ‘चुनावी तालमेल’ बनाने की इच्छुक नहीं हैं. अब तक कयास लगाए जा रहे थे कि कैराना उपचुनाव में भी गोरखपुर-फूलपुर जैसा ही गठबंधन होगा.
बीजेपी सांसद के निधन से खाली हुईं सीटें
हालांकि, उन्होंने बसपा-सपा के 2019 के आम चुनावों में गठबंधन के पर्याप्त संकेत दिए. कैराना सीट भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सांसद हुकुम सिंह के निधन से खाली हुई है. बसपा द्वारा नूरपुर विधानसभा सीट उप चुनाव में भी किसी दल को समर्थन देने की संभावना नहीं है. नूरपुर विधानसभा सीट भाजपा विधायक की सड़क दुर्घटना में निधन से खाली हुई है.
उपचुनाव में बीजेपी को हराया
बसपा के समर्थन से ही सपा ने गोरखपुर और फूलपुर लोकसभा उपचुनाव में बीजेपी को करारी मात दी थी. गोरखपुर सीट सीएम योगी आदित्यनाथ और फूलपुर सीट डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के इस्तीफे के बाद खाली हुई थी. दोनों सीटों पर सपा ने जीत हासिल कर सियासी पंडितों को हैरान कर दिया. इसी के साथ 2019 में सपा-बसपा दोस्ती का रास्ता भी साफ हो गया. 2014 लोकसभा चुनाव में सपा को महज 5 सीटें जबकि बीएसपी के खाते में एक भी सीट नहीं आई.