नाबालिग से रेप के मामले में विशेष कोर्ट के जज मधुसूदन शर्मा का फैसला सुनने के बाद आसाराम ने अपना सिर पकड़ लिया था. वह जमीन में बैठ गया और रोने लगा. यह बात कोर्ट में मौजूद वकीलों ने बताई. आसाराम के साथ उसका रसोइया प्रकाश द्विवेदी और सेवादार शिवा उर्फ सेवाराम हेथवाडिया भी था. इन दोनों को भी दोषी ठहराया गया है. एक साल में यह दूसरा मामला है जब कोई बाबा दुष्कर्म के मामले में दोषी पाया गया है. बीते साल अगस्त में गुरमीत राम रहीम को यौन उत्पीड़न के मामले में दोषी करार दिया गया था.
सजा के ऐलान के बाद आसाराम को फिलहाल जोधपुर जेल में रखने का निर्देश है. वहां उसे कैदी नंबर 130 का बिल्ला मिला है. फिलहाल आसाराम उसी बैरक में है, जहां अभी तक बंद था. फर्क इतना है कि अब अंडरट्रायल से कैदी नंबर 130 बन गया है. उसे यहां रहते पौने पांच साल हो गए. उसे अगस्त 2013 में गिरफ्तार किया गया था.
वीआईपी ट्रीटमेंट खत्म, आश्रम का खाना बंद
आसाराम को अब तक आश्रम से आया खाना खाने को मिलता था लेकिन अब उसे जेल का भोजन दिया जा रहा है. जेल में आश्रम से भोजन लाने की अनुमति राजस्थान हाईकोर्ट ने दी थी. लेकिन अब ऐसा नहीं होगा. उसे जेल के कपड़ पहनने को दिए गए. बुधवार तक आसाराम के लिए बाहर से कपड़े आते थे. उम्र ज्यादा होने के कारण उसे बुजुर्ग श्रेणी में रखा गया है. आसाराम की उम्र अदालती दस्तावेजों के अनुसार 79 साल है.
बुजुर्ग कैदियों के लिए क्या है जेल का नियम
दैनिक भास्कर की खबर के अनुसार जेल अधिकारियों ने आसाराम को सजायाफ्ता कैदी की श्रेणी में रखा है. उस पर वे सभी नियम लागू हैं जो अन्य कैदियों के लिए हैं. उसकी उम्र को देखते हुए वह बुजुर्ग कैदियों के दायरे में आता है. जेल के नियमानुसार इतने बुजुर्ग कैदी से ज्यादा काम नहीं लिया जाता. उससे जेल में पेड़-पौधों में पानी डालने जैसा हल्का-फुलका काम ही कराया जाएगा. उसके साथ बंद सेवादार शरदचंद्र को कैदी नंबर 129 का बिल्ला दिया गया है. वहीं शिल्पी को कैदी नंबर 76 का बिल्ला मिला है.
आसाराम पर नाबालिग से रेप का था आरोप
आसाराम पर यूपी के शाहजहांपुर की एक नाबालिग से बलात्कार करने का आरोप था, जिसमें वह दोषी साबित हुआ. यह लड़की मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा में आसाराम के आश्रम में पढ़ाई कर रही थी. पीड़िता का आरोप है कि आसाराम ने जोधपुर के निकट मनई आश्रम में उसे बुलाया था और 15 अगस्त 2013 को उसके साथ दुष्कर्म किया. आसाराम से इन आरोपों से इंकार किया था.