पाक नागरिकों को मेडिकल वीजा पर RTI का नहीं दिया जवाब, संबंध बिगड़ने की दी दलील

पाक नागरिकों को मेडिकल वीजा पर RTI का नहीं दिया जवाब, संबंध बिगड़ने की दी दलील

भारतीय उच्चायोग ने पाकिस्तानी नागरिकों को मेडिकल वीजा से संबंधित एक आरटीआई का जवाब देने से इनकार कर दिया है. जवाब न देने के पीछे भारत-पाकिस्तान के संबंध खराब होने की दुहाई दी गई है.पाक नागरिकों को मेडिकल वीजा पर RTI का नहीं दिया जवाब, संबंध बिगड़ने की दी दलील

आरटीआई से पूछे ये दो सवाल

मुंबई निवासी आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली ने 15 नवंबर 2017 को आरटीआई के जरिए विदेश मंत्रालय से दो सवाल पूछे थे. पहला सवाल था कि 10 मई 2017 से 1 दिसंबर 2017 के दौरान कितने पाकिस्तानी नागरिकों को मेडिकल वीजा दिया गया और इसमें से कितनों को सलाहकार सरताज अज़ीज़ की सिफारिश थी? दूसरे सवाल में मौजूदा वीजा पॉलिसी में बदलाव की जानकारी मांगी गई थी.

सवाल के जवाब में दिया विचित्र तर्क

इस्लामाबाद स्थित भारतीय उच्चायोग ने गलगली द्वारा मांगी गई जानकारी ख़ारिज करते हुए विचित्र तर्क दिया कि मेडिकल वीजा की जानकारी देने पर भारत और पाकिस्तान के बीच आपसी संबंध बिगड़ सकते हैं. गलगली ने प्रथम अपील दायर करते ही उनका आवेदन भारतीय उच्चायोग, इस्लामाबाद को भेज दिया था. भारतीय उच्चायोग, इस्लामाबाद में द्वितीय राजकीय सचिव अविनाश कुमार सिंह ने अनिल गलगली की जानकारी को ख़ारिज करते हुए विचित्र तर्क दिया. उन्होंने तर्क दिया कि मेडिकल वीजा की जानकारी सार्वजनिक करने से भारत और पाकिस्तान के आपसी संबंध बिगड़ेंगे.

पिछले साल मेडिकल वीजा पर बदले थे नियम

दरअसल भारत-पाकिस्तान के आपसी संबंध अत्यधिक बिगड़ने पर पिछले साल मई में विदेश मंत्रालय ने मेडिकल वीजा के लिए नए नियम बनाए थे. इसके मुताबिक भारत में इलाज के लिए पाकिस्तानी नागरिकों को सिर्फ उसी स्थिति में मेडिकल वीजा दिया जाएगा, जब पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के सलाहकार सरताज अज़ीज़ की सिफारिश होगी. 

380 पाक नागरिकों को दिया मेडिकल वीजा

अनिल गलगली की आरटीआई में पूछे गए पहले सवाल के जवाब में गृह मंत्रालय के विदेश विभाग ने बताया कि 380 पाकिस्तानी नागरिकों मेडिकल वीजा दिया गया है. दूसरे सवाल पर भारत सरकार ने सरकारी पॉलिसी में किसी भी तरह का बदलाव न करने की जानकारी दी. सरताज अज़ीज़ की सिफारिश पर कितने लोगों को मेडिकल वीजा दिया गया, इस सवाल का कोई जवाब नहीं दिया गया.

समझ से परे है तर्क

आरटीआई के इस जवाब पर अनिल गलगली ने कहा कि मैंने जो जानकारी मांगी थी, उससे भारत-पाकिस्तान के संबंध कैसे बिगड़ेंगे, यह समझ से परे है. उन्होंने कहा कि पॉलिसी सरकार ने खुद बनाई है. लिहाजा मैं उम्मीद करता हूं कि इन आंकडों को सरकार को खुद ही सार्वजनिक करे. भारत और पाकिस्तान के संबंध पूर्व में कभी भी बेहतर नहीं थे. ऐसे में मेरी आरटीआई का जवाब देने से संबंध बिगड़ने का तर्क बेतुका है.

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com