खेलो इंडिया 2018 में खिलाड़ियों की अधिक उम्र को लेकर खेल संघों के पास कई शिकायतें आ रही हैं। खासतौर पर एथलेटिक्स, कुश्ती, बॉक्सिंग, जूडो और वॉलीबाल में खिलाड़ियों के उम्र से अधिक होने के बावजूद खेलने के मामले सामने आए हैं। इसे ध्यान में रखते हुए खेल मंत्रालय ने फैसला लिया है कि जितने भी खेलो इंडिया स्कूल खेलों के पदक विजेता हैं, उनका वैज्ञानिक तरीके से टेस्ट कराया जाएगा।
मंत्रालय के एक वरिष्ठ पदाधिकारी का कहना है कि अगर कुल पदक विजेताओं में से 15 से 20 प्रतिशत खिलाड़ी ओवर एज निकलते भी हैं, तो बाकी के 80 प्रतिशत खिलाड़ियों पर तो कम से कम फोकस किया जा सकता है। सूत्र बताते हैं कि कुश्ती और जूडो में अंडर-17 वर्ग की नेशनल ही नहीं कराई गई।
मंत्रालय के एक वरिष्ठ पदाधिकारी का कहना है कि अगर कुल पदक विजेताओं में से 15 से 20 प्रतिशत खिलाड़ी ओवर एज निकलते भी हैं, तो बाकी के 80 प्रतिशत खिलाड़ियों पर तो कम से कम फोकस किया जा सकता है। सूत्र बताते हैं कि कुश्ती और जूडो में अंडर-17 वर्ग की नेशनल ही नहीं कराई गई।
इन खेल संघों ने पुरानी नेशनल के आधार पर खिलाड़ियों का चयन कर उन्हें खेलों में हिस्सा लेने दिया है। इन खेलों में स्कूल प्रमाण पत्र के आधार पर आयु को देखा गया। खेल संघों के पास फर्जी प्रमाण पत्र बनाए जाने की भी शिकायतें आई हैं। कुश्ती के तीन पदक विजेताओं के तो अलग-अलग प्रमाण पत्र भी सामने आए हैं।
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