अगले चुनाव से पहले अफोर्डेबल हाउजिंग को बढ़ावा देने के लिए घाटे में चल रही छह पब्लिक सेक्टर कंपनियों की जमीन का इस्तेमाल करने का सरकार का प्लान है। सरकार ने शहरी गरीबों के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना के लिए जमीन की पहचान कर ली गई है। सरकारी कंस्ट्रक्शन फर्म एनबीसीसी इस जमीन को डिवेलप करेगी। IDPL, HMT, हिंदुस्तान एंटीबायोटिक्स और तुंगभद्रा स्टील प्रॉडक्ट्स सहित छह सेंट्रल पब्लिक सेक्टर यूनिट्स के पास लगभग 3000 एकड़ जमीन है। एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने पहचान जाहिर नहीं किए जाने की शर्त पर कहा कि कुछ प्रॉजेक्ट्स को 2022 से पहले पूरा किया जाना है।
एनबीसीसी को नुकसान में चल रही कंपनियों की रियल एसेट्स नीलाम के लिए लैंड मैनेजमेंट एजेंसी अप्वाइंट किया गया है। गाइडलाइंस के हिसाब से एजेंसी यह तय करेगी कि जमीन का इस्तेमाल कैसे होना है और यह इंडस्ट्रियल, मैन्युफैक्चरिंग या दूसरे मकसद में किसके इस्तेमाल के लायक है। कुछ बैंकों ने कहा कि सरकार को अफोर्डेबल हाउजिंग पर फोकस करने के बजाय लैंड के मिक्स्ड यूज के बारे में सोचना चाहिए। एक सरकारी बैंक के एग्जिक्यूटिव ने कहा, ‘ऐसे प्रॉजेक्ट्स का लॉन्ग टर्म रेवेन्यू मॉडल हो सकता है।’