इंटरनैशनल मार्केट में क्रूड अॉयल की बढ़ती कीमतों ने तेल के दामों में आग लगा दी है। मंगलवार को इसका असर राजधानी दिल्ली में भी दिखा और डीजल ने नया रेकॉर्ड लेवल छू लिया। क्रूड ऑयल के प्राइसेज बढ़ने के कारण पेट्रोल, एविएशन फ्यूल और केरोसीन के दामों में बढ़ोतरी भी जारी है।
मंगलवार को दिल्ली में डीजल की कीमत 60.66 रुपये प्रति लीटर पहुंच गई। पेट्रोल के दाम भी 70.53 रुपए प्रति लीटर तक पहुंच गए। मई 2015 के बाद क्रूड ऑयल की कीमत अपने सर्वाधिक स्तर 68 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच गई है। देश में दूसरे बड़े शहरों की बात करें तो मुंबई में पेट्रोल सबसे ज्यादा महंगा यानी 78.42 रुपये और डीजल 64.48 रुपये में मिल रहा है। कोलकाता में पेट्रोल 73.27 जबकि डीजल 63.32 रुपये प्रति लीटर बिक रहा है। उधर चेन्नै में पेट्रोल 73.12 और डीजल 63.92 रुपये में खरीदा जा रहा है।
बजट से पहले तेल की बढ़ती कीमतें सरकार के लिए भी परेशानी का सबब बन गई हैं। बता दें कि चालू वित्तीय वर्ष में क्रूड ऑयल के 55 डॉलर प्रति बैरल रहने का अनुमान जाहिर किया गया था। पेट्रोलियम उत्पादों के दाम में वृद्धि के कारण पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़ने के लिए केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान राज्य सरकारों को दोष दे रहे हैं। प्रधान ने कहा, ‘डीजल-पेट्रोल की कीमतों में वृद्धि के लिए सिर्फ केंद्र सरकार जिम्मेदार नहीं है। राज्य सरकारें भी अपने स्तर पर टैक्स घटाकर इस दिशा में कदम उठा सकती हैं।’
दिल्ली, मुंबई, कोलकाता और चेन्नै में डीजल की कीमतें 3 अक्टूबर, 2017 के बाद से अधिकतम हैं। केंद्र सरकार ने उपभोक्ताओं को कुछ राहत देने के लिए डीजल और पेट्रोल पर एक्साइज ड्यूटी में 2 रुपये प्रति लीटर की कमी भी की थी। अक्टूबर में सरकार ने पेट्रोलियम कंपनियों को कुकिंग गैस के दाम में मासिक बढ़ोतरी बंद करने का भी निर्देश दिया था। यह बढ़ोतरी कुकिंग गैस पर सब्सिडी को समाप्त करने के लिए की जा रही थी।
पेट्रोल और डीजल के दाम इंटरनैशनल रेट्स से जुड़े हैं और इनमें रोजाना बदलाव किया जाता है।