जिन इनकम टैक्स पेयर्स का रिफंड 50,000 से ज्यादा है, इस बार उन्हें रिफंड मिलने में देरी हो सकती है। ज्यादा रिफंड की जांच के मद्देनजर ऐसा किया जा रहा है। हालांकि वित्त मंत्रालय ने टैक्स कलेक्शन के आंकड़ों में संतुलन बिठाने को इसकी वजह बताया है। सूत्रों के अनुसार इनकम टैक्स डिपार्टमेंट से कहा गया है कि जिन टैक्स पेयर्स का रिफंड 50,000 रुपये से ज्यादा है, उनका रिफंड रोक दिया जाए। फिलहाल सिर्फ 50,000 रुपये या उससे कम के रिफंड ही जारी किए जाएंगे।
बता दें कि वित्त वर्ष 2017-18 में इनकम टैक्स के स्लैब में कुछ बदलाव किए गए थे। अब सालाना 2, 50,000 रुपये तक की इनकम वाले को कोई टैक्स नहीं देना होता। वहीं 2,50,000 – 5,00,000 रुपये के बीच की सालाना इनकम वाले को पांच प्रतिशत टैक्स देना होता है। 5,00,000 – 10,00,000 रुपये के बीच की सालाना आय वाले को 20 प्रतिशत कर चुकाना होगा।
उसके ऊपर यानी दस लाख रुपये से ज्यादा की सालाना आय वाले को 30 प्रतिशत टैक्स देना होगा। हालांकि, लोग कई तरह के निवेश करके टैक्स देनदारी में छूट पा सकते हैं। इसके साथ ही कई और तरह से भी टैक्स बच सकता है। रिटर्न भरते वक्त सेक्शन 80C, 80D आदि के तहत छूट दी जाती है। इनसे संबंधित जगहों में निवेश करके टैक्स देनदारी कम की जा सकती है।