8 साल की बच्ची से दरिंदगी, जब मेडिकल चेकअप कराने पहुंची पीड़िता, तो पुलिसवाले ने किया ये गंदा काम...

8 साल की बच्ची से दरिंदगी, जब मेडिकल चेकअप कराने पहुंची पीड़िता, तो पुलिसवाले ने किया ये गंदा काम…

NEW DELHI: यूपी में सरकार तो बदल गई लेकिन अगर प्रदेश में कुछ नहीं बदला तो वो हैं वहां के हालात और लडकियों की सुरक्षा। सूबे की कानून व्यवस्था ज्यौं की त्यौं है।8 साल की बच्ची से दरिंदगी, जब मेडिकल चेकअप कराने पहुंची पीड़िता, तो पुलिसवाले ने किया ये गंदा काम...अभी अभी: अधिकारियों पर गिरी गाज, सीएम योगी ने किया सस्पेंड

योगी सरकार ने भले ही लड़कियों की सुरक्षा के लिए एंटी रोमियों स्कवायड टीम चलाई हो लेकिन वह लड़कियों के साथ रेप जैसी घटनाएं नहीं रोक पाएं है। और यहां तक कि रेप पीड़िता को अपने परिवार के साथ इंसाफ के लिए दर-दर भटकना पड़ता है। न ही पुलिस और न ही प्रशासन कोई भी उनकी मदद के लिए आगे नहीं आता है। ऐसा ही इंसानियत को शर्मसार करने वाला एक मामला मेरठ से सामने आया है। जहां एक 8 साल की रेप पीड़िता जब अपने परिवार के साथ पुलिस थाने आरोपियों के खिलाफ शिकायत दर्ज की तो, पुलिस ने मामला दर्ज नहीं किया।

 

मामला मेरठ का है। एक दिन के बाद दूसरी क्लास में पढ़ने वाली 8 साल की बच्ची जब स्कूल से घर गई तो उस उस बच्ची ने अपने परिवार से शिकायत की। कि उसके साथ पढ़ने वाले कुछ लड़कों ने उसके साथ स्कूल टॉयलेट में रेप किया। जिसके बाद मासूम के परिवारवालें आरोपियों के खिलाफ शिकायत करने पुलिस स्टेशन पहुंचे लेकिन वहां उनकी शिकायत दर्ज नहीं की।

 

 

पीड़िता की मां ने मीडिया को बताया उनकी बच्ची का जब मेडिकल चेकअप कराय गया तो महिला पुलिस ने उसके थप्पड़ मारा। कुछ हीं घंटो के बाद मेडिकल रिर्पोट आने के बाद ये भी कहा कि इसके साथ रेप नहीं हुआ बल्कि इसके पीरियड्स की वजह से ब्लीड़िग हो रही है। बच्ची के साथ रेप से नाराज माता-पिता और उसके रिश्तेदारों ने मिलकर स्कूल में हंगामा करते हुए तोड़फोड की और निष्पक्ष जांच की मांग की। 

 

परिवार का पुलिस पर ये भी आरोप है कि पुलिस ने पैसे लेकर केस वापिस लेने को भी कहा है। पुलिस ने उन पर लगाए गए सभी आरोपों गलत ठहराते हुए कहा कि ये सभी आरोप बेबुनियाद है। हमने प्रिंसिपल, उपाध्यक्ष, शिक्षकों और कक्षा चार कर्मचारियों समेत – स्कूल के 7 कर्मचारियों को हिरासत में लिया है।

जिसके बाद बच्ची ने अपने साथ हुए यौन उत्पीड़न या रेप की घटना होने से साफ मना कर दिया, उसने कहा कि उसके पेट में दर्द हो रहा था लेकिन जब उसने कुछ देर बाद देखा तो उसके यूरिन से ब्लीड़िग हो रही थी। लेकिन हम फिर भी मामले की जांच कर रहे है कि क्या सहीं में यौन उत्पीड़न की घटना हुई है। 

 

वहीं मेरठ पुलिस अधीक्षक मान सिंह चौहान ने कहा कि मेडिकल रिर्पोट से स्पष हो गया है कि बच्ची के साथ कोई रेप नही हुआ है। वहीं बच्ची की मां कहना है कि एक छोटी सी बच्ची झूठ क्यों बोलेगी वो बस कल से सो रही है जब भी नींद से जागती है तो वो रोने लगती है। वो पुलिस के दबाव में जिसकी वजह से वो कुछ नहीं बोल रही है। क्योंकि मेडिकल चेकअप को दौरान महिला पुलिस ने उसको थप्पड़ मारा था। उन्होंने आगे कहा कि सच तो ये है कि जब बच्ची का मेडिकल चेकअप हो रहा था तो परिवार का कोई भी सदस्य उसके साथछ नहीं था। 

 

पीआर शर्मा जिला महिला अस्पताल की सीनियर सलाहकार gynecologist डॉ संगीता शर्मा ने महिला कॉंस्टेबल पर बच्ची को थप्पड़ मारने के आरोप को निराधार बताते हुए कहा कि जब बच्ची का मेडिकल चेकअप किया गया तो बच्ची की मां के साथ 3 डॉक्टरों का एक पैनल मौजूद था। हालांकि पुलिस ने कहा कि उन्होंने आईपीसी की धारा 376 डी (सामूहिक बलात्कार) और अज्ञात लोगों के खिलाफ यौन अपराधों (पीओसीएसओ) अधिनियम से बच्चों के संरक्षण के तहत मामला  दर्ज कर लिया  है, उन्होंने लड़की के मेडिकल रिपोर्टों को अचानक पीरियड्स आने की बात कही। 

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